
कोरोना वायरस: IIT छात्रों ने बनाई ऐप, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की करेगी पहचान
क्या है खबर?
चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस (COVID-19) जंगल की आग की तरह दुनिया में फैल रहा है।
इससे बचने के लिए देशों में लॉकडाउन, विदेशों से आने वाले लोगों की जांच आदि कई कदम उठाए जा रहे हैं।
इसके शुरुआती लक्षण दिखने में कई दिन लग जाते हैं, जिससे यह पता कर पाना मुश्किल हो जाता है कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में कितने लोग आए हैं, लेकिन अब IIT दिल्ली के छात्रों ने इसका तरीका निकाल लिया है।
IIT
इन छात्रों ने बनाई ऐप
IIT दिल्ली के छात्रों की टीम ने एक ऐप बनाई है, जिसके जरिये उन लोगों को ट्रेस कर पाना आसान हो सकता है जो कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हैं।
इस टीम में कंप्यूटर साइंस विभाग में PhD कर रहे विकास उपाध्याय, ग्रेजुएशन छात्र गुलशन, पंकज और डिजाइन विभाग के अरशद नस्सार और आंचल शर्मा शामिल हैं।
ये IIT दिल्ली की असिस्टिव टेेक लैब के हिस्सा हैं, जो दिव्यांगो की मदद के लिए टेक्नोलॉजी बनाती है।
टेक्नोलॉजी
ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है ऐप
इस टीम ने ऐसी मोबाइल ऐप बनाई है जो कोरोना से संक्रमित लोगों के दो मीटर के दायरे में आए लोगों की पहचान करने में सक्षम है। यह ऐप ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर ऐसे लोगों को ट्रेस करती है।
छात्रों ने बताया कि ऐप की मदद से सटीकता से लोगों को ट्रैक किया जा सकता है। साथ ही यह लोगों में जागरूकता भी फैला रही है ताकि लोग कोरोना टेस्ट के लिए प्रोत्साहित हों और संक्रमण का पता चल सके।
बयान
बिना लागत के बनी है ऐप
इस ऐप को यहां टैप कर डाउनलोड किया जा सकता है। जल्द ही यह एंड्रॉयड स्मार्टफोन के लिए उपलब्ध होगी।
योर स्टोरी से बात करते हुए इस टीम का नेतृत्व कर रहे विकास ने बताया, "हम सरकार संस्थाओं और एजेंसियों के साथ मिलकर इस ऐप को जल्द ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं। हमने इस पर कोई खर्च नहीं किया है, लेकिन अगर यूजर्स बढ़ेंगे तो हम इसके लिए अलग सर्वर ले सकते हैं।"
ऐप
यूजर्स को मिलेगी महामारी से जुड़ी जरूरी टिप्स
ब्लूटूथ का इस्तेमाल करते हुए यह ऐप सभी संक्रमित लोगों के करीबी संपर्क में आए सभी लोगों को अलर्ट कर देगी।
साथ ही यह उस इलाके और तारीख के बारे में भी बता देगी, जिस दिन किसी का संक्रमित व्यक्ति से संपर्क हुआ था।
साथ ही यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर यूजर को नजदीकी अस्पताल के साथ कनेक्ट कर देगी। इसमें यूजर को क्वारंटीन और आइसोलेशन से जुड़ी टिप्स भी मिलेगी।
टेक्नोलॉजी
ऐसे काम करती है ऐप
यह ऐप ब्लूटूथ के आधार पर चलती है। यह यूजर से ने GPS लोकेशन मांगती है और न ही पर्सनल डाटा और इंफोर्मेशन।
इसमें यूजर को नाम, नंबर और उम्र आदि डालकर रजिस्ट्रेशन करना होता है। यह दो लोगों के बीच हो रही बातचीत को रिकॉर्ड कर एनक्रिप्टेड फॉर्मेट में सिक्योर सर्वर पर सेव करती है।
साथ ही इसमें यूजर को सोशल डिस्टैंसिंग समेत इस महामारी से बचने के दूसरे उपायों के बारे में पता चलेगा।