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घर से दूर रहकर भी इस हाईटेक पिचकारी के जरिए अपनों के साथ खेलें होली

घर से दूर रहकर भी इस हाईटेक पिचकारी के जरिए अपनों के साथ खेलें होली

लेखन अंजली
Mar 04, 2020
04:40 pm

क्या है खबर?

आज न छोड़ेंगे..बस हमजोली..खेलेंगे हम होली! क्यूं आप भी गुनगुनाने लगे..हंसिए मत, हम जानते हैं कि होली त्यौहार ही ऐसा है, जिसका हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा है। खैर, यह सब छोड़कर इस बात पर गौर फरमाएं कि भारत में बन चुकी है हाईटेक पिचकारी, जिसका इस्तेमाल घर के अंदर रहकर किसी पर भी किया जा सकता है। नहीं समझे तो समझ जाएंगे, जब आप इस हाईटेक पिचकारी के बारे में विस्तार से जानेंगे।

मामला

अब घर से दूर रहकर भी अपनों के साथ मनाएं होली

अगर आप अपने घर से दूर हैं और होली के दिन घर जाना असंभव हो रहा है तो निराश मत होइए। दरअसल, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्रों द्वारा बनाई गई हाईटेक पिचकारी से आप कहीं से भी अपने घर वालों पर रंग डालकर होली मना सकते हैं। इसकी खास बात यह भी है कि इस पिचकारी में आप हर्बल कलर डालकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस्तेमाल

इस तरह कर सकते हैं हाईटेक पिचकारी का इस्तेमाल

इस पिचकारी को इंटरनेट का प्रयोग करके संचालित किया जा सकता है। इसके लिए आपको मोबाइल को इंटरनेट से कनेक्ट कर व्हाट्सऐप मैसेज के जरिए कमांड भेजनी होगी। इससे होगा यह कि इसमें लगा सेंसर वाइब्रेट होकर पिचकारी को कमांड देगा। फिर सेंसर से पिचकारी ऑन होकर कलर डालेगी। बशर्ते, आपको जिसके साथ होली खेलनी है उसके पास भी यह पिचकारी होनी जरूरी है। दिव्यांग भी इस पिचकारी का इस्तेमाल करके होली का लुत्फ उठा सकते हैं।

बयान

केवल 15 दिनों की मेहनत से तैयार हुई पिचकारी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस हाईटेक पिचकारी को बनाने वाले विदयार्थियों अनामिका विश्वकर्मा और जतिन मेहरोत्रा ने बताया कि सिर्फ 15 दिन में बनने वाली यह पिचकारी कई खूबियों से भरपूर हैं। यह न सिर्फ मोबाइल से संचालित होगी बल्कि इसके रिमोट कंट्रोल से भी 200 मीटर दूर बैठे व्यक्ति पर हर्बल रंग चढ़ाया जा सकेगा। उन्होंने आगे बताया कि इस पिचकारी में केमिकल युक्त रंगों का उपयोग नहीं होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से इस पिचकारी को बनाया गया है।

खर्च

हाईटेक पिचकारी को बनाने के लिए हुए इतने रूपये खर्च

पिचकारी बनाने वाले स्टूडेंट्स ने बताया कि रिमोट कंट्रोल पिचकारी बनाने में 300-400 रुपये के बीच खर्चा हुआ, जबकि, इंटरनेट कंट्रोल पिचकारी बनाने में 800 रुपये का खर्च आया है इसकी लागत का कारण उसमें लगी नौ वोल्ट की बैटरी और इलेक्ट्रिक पम्प, सेंसर और रिमोट है। उन्होंने आगे बताया कि होली के बाद इस पिचकारी का इस्तेमाल कर लोग घर से बाहर रहकर भी घर के पेड़-पौधों को पानी देने के लिए कर सकते हैं।