
उन्नाव केस: पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में कुलदीप सेंगर दोषी करार
क्या है खबर?
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में दोषी करार दिया है।
उसके अलावा अन्य छह आरोपियों को भी कोर्ट ने हत्या को दोषी पाया है। वहीं चार आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
इससे पहले कुलदीप को रेप मामले में भी दोषी पाया गया था और कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
सेंगर ने जून 2017 में नाबालिग पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने अपने घर बुलाकर उसका रेप किया था।
मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में तब आया जब एक साल बाद लड़की और उसकी मां ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के सामने आत्मदाह की कोशिश की।
इसके कुछ दिन बाद पुलिस ने उसके पिता को हिरासत में लिया और पिटाई के कारण हिरासत में ही उनकी मौत हो गई। सेंगर और उसके भाई पर उनकी पिटाई करने का आरोप लगा था।
मामला
पीड़िता के पिता को फंसाकर जेल में डाला गया था
पीड़िता के 55 वर्षीय पिता को हथियार संबधी कानून में फंसाकर जेल में डाला गया था।
मौत से कुछ ही घंटों पहले पेट दर्द की शिकायत पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस समय उसके चेहरे पर चोट के कई निशान थे।
उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर 14 चोटें पाई गई थीं। इसमें आंत में छेद होने के कारण खून में जहर फैलने को उसकी मौत का कारण बताया गया था।
आरोप
पिता ने लगाया था सेंगर के भाई अतुल सिंह पर आरोप
पीड़िता के पिता की मौत के कुछ महीने बाद एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें उसने सेंगर के भाई अतुल सिंह पर उसे पीटने का आरोप लगाया था।
वीडियो में उसने कहा था, "अतुल सिंह ने मुझे पीटा। वो मुझे पीटता रहा। किसी ने भी मुझे बचाने की कोशिश नहीं की। पुलिसवाले वहीं खड़े थे।"
तीन पुलिसकर्मियों पर भी मामले में हत्या का आरोप लगा था और कोर्ट ने इसे एक साजिश का हिस्सा बताया था।
ट्रक से टक्कर
सेंगर पर पीड़िता की हत्या की कोशिश करने का भी आरोप
सेंगर पर पीड़िता की हत्या करने की कोशिश करने का आरोप भी है। दरअसल, पिछले साल जुलाई में रायबरेली की जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही पीड़िता की गाड़ी की टक्कर एक ट्रक से हो गई थी।
इसमें दो संबंधियों की मौत हुई और पीड़िता और उसकी वकील गंभीर रूप से घायल हुई थीं।
टक्कर मारने वाले ट्रक की नंबर प्लेट को काली किया गया था और सेंगर पर इसकी साजिश रचने का आरोप लगा था।
जांच
CBI ने की थी मामले की जांच
राष्ट्रीय मीडिया में मामला आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा पर सेंगर के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ा।
राज्य सरकार ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया, जिसने सेंगर को गिरफ्तार किया और अपनी जांच में उस पर लगे रेप के आरोपों को सही पाया।
CBI ने कोर्ट को बताया था कि विधायक सेंगर ने 4 जून 2017 के आसपास लड़की का रेप किया था।
उत्तर प्रदेश विधानसभा
उम्रकैद की सजा के बाद रद्द हुई थी सदस्यता
रेप मामले में पिछले साल दिसंबर में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
कोर्ट ने सेंगर को IPC की धारा 376 के तहत रेप का दोषी और POCSO एक्ट की धारा 5(C) और धारा 6 के तहत दोषी पाया था।
सेंगर को उम्रकैद की सजा होने के बाद उनकी उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। भाजपा इससे पहले ही उसे पार्टी से निष्कासित कर चुकी थी।