अमेरिकी कंपनी ने तैयार किया सिस्टम, महज 5 मिनट में कर देगा कोरोना वायरस टेस्ट
पूरी दुनिया के सामने चुनौती बनी कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के मुकाबले के अलग-अलग देशों में प्रयोग हो रहे हैं। ऐसे ही एक प्रयोग में अमेरिकी कंपनी एबॉट लैबोरैट्रीज ने कोरोना वायरस टेस्ट तैयार किया है जो महज 5 मिनट में बता देगा कि कोई व्यक्ति इस महामारी से संक्रमित है या नहीं। इसका साइज भी इसकी खासियत है। यह इतना छोटा है कि इसे कहीं भी ले जाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
महज 13 मिनट में हो जाएगी पूरी जांच
मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनी एबॉट के रिसर्च एंड डेवलेपमेंट के वाइस प्रेसिडेंस जॉन फ्रेल्स ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस जिनोम की मात्रा अधिक है तो यह टेस्ट महज पांच मिनट में बता देगा। वहीं पूरी तरह से जांच करने में यह 13 मिनट का समय लेगा। बता दें कि अभी तक कोरोना वायरस के टेस्ट का रिजल्ट आने में कई घंटो का समय लगता है। ऐसे में यह टेस्ट बेहद कारगर साबित हो सकता है।
अमेरिका में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मरीज
अमेरिका भी कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां एक लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी संख्या है। यहां के न्यूयॉर्क, कैलिफॉर्निया वाशिंगटन और दूसरे इलाकों के अस्पतालों में कोरोना वायरस के टेस्ट करने के लिए इंतजाम कम पड़ रहे हैं। फ्रेल्स ने कहा कि यह टेस्ट कोरोना वायरस से लड़ाई में लगे लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक होगा। टेस्ट के नतीजों के लिए लोगों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
ऐसे काम करता है एबॉट का यह सिस्टम
इस टेस्ट में व्यक्ति के नाक या गले के अंदर से स्वैब लेकर केमिकल सॉल्यूशन के साथ मिलाया जाता है, जिससे वायरस टूट जाता है और उसका RNA सामने आ जाता है। फिर यह मिश्रण एबॉट के ID Now सिस्टम में डाला जाता है। यह एक हल्का बॉक्स है, जो कोरोना वायरस की जीनोम की सीक्वेंस को पहचान कर उसे उभार और दूसरे वायरस से अलग कर देता है। इसे इंफ्लूएंजा को टेस्ट करने के लिए बनाया गया था।
सप्ताह में 50 लाख टेस्ट की योजना बना रही एबॉट
कंपनी इसे पहले उन जगहों पर पहुंचाने की कोशिश कर रही है, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। पिछले सप्ताह ही कंपनी के m2000 RealTime सिस्टम को अस्पतालों और लैब में इस्तेमाल के लिए अमेरिका FDA की मंजूरी मिली है। इससे एक सप्ताह में 10 लाख टेस्ट किए जा सकते हैं, लेकिन इनके रिजल्ट आने में समय लगता है। एबॉट की कोशिश है इन दोनों सिस्टम की मदद से सप्ताह में 50 लाख टेस्ट किए जा सकें।