केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रदर्शनकारी किसानों को बताया 'मवाली', विरोध के बाद मांगी माफी
क्या है खबर?
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और दिल्ली से भाजपा सांसद मीनाक्षी नेे लेखी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों को 'मवाली' कर दिया है।
इसके बाद किसानों ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई तथा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की है।
मामला बढ़ता देखकर मंत्री लेखी ने शुक्रवार को टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश करना बताकर माफी मांगी है।
प्रकरण
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान किसानों ने की थी मीडियाकर्मी से अभद्रता
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में 200 किसानों के एक समूह ने गुरुवार को मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर के साथ किसान संसद आयोजित की थी।
उस दौरान किसानों द्वारा एक यूटयुूब चैनल के कैमरामैन से कथित तौर पर अभद्रता करने का मामला सामने आया था।
कैमरामैन ने भी किसानों द्वारा हमला करने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले को लेकर पत्रकारों ने भाजपा की प्रतिक्रिया लेने के लिए मंत्री लेखी से सवाल किया था।
बयान
मंत्री लेखी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया था बयान
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री लेखी से किसान आंदोलन पर सवाल पूछा गया था।
इस दौरान आंदोलनकारियों को किसान कहने पर मंत्री लेखी ने आपत्ति जताते हुए कहा, "फिर आप उन लोगों को किसान बोल रहे हैं, मवाली है वह लोग।" उन्होंने कहा, "मीडिया पर हमला आपराधिक गतिविधि है और 26 जनवरी को हुआ था वह भी शर्मनाक था।"
बयान
किसानों के पास नहीं है जंतर-मंतर पर बैठने का समय
मंत्री लेखी ने कहा, "किसानों के पास इतना समय नहीं है कि वह जंतर-मंतर पर आकर बैठे। वह तो फसल उगाने के लिए खेतों में काम कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "प्रदर्शन कर रहे लोग आढ़तियों द्वारा उकसाए गए लोग हैं, जो यह चाहते ही नहीं है कि किसानों को सरकार से किसी तरह का सीधा लाभ मिले। किसी भी मीडिया को रोकने का प्रयास करना लोकतंत्र के खिलाफ है और यही लोग तो बार-बार लोकतंत्र की दुहाई देते हैं।"
बयान
मवाली नहीं, अन्नदाता हैं हम- राकेश टिकैत
मंत्री लेखी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "गुंडे वो लोग हैं, जिनके पास कुछ नहीं है। किसानों के लिए इस तरह की टिप्पणी गलत है। हम मवाली नहीं किसान हैं। हम किसान हैं और जमीन के अन्नदाता हैं।"
प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने की लेखी से इस्तीफे की मांग
इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, "राज्य मंत्री की किसानों के खिलाफ अपमानजनकर टिप्पणी भाजपा की सरकार विरोधी मानसिकता को दर्शाती है। इस बयान के लिए मंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा असहमति और विरोध की सभी आवाजों को दबाने के बेशर्म प्रयासों को देखते हुए स्पष्ट है कि वह किसानों की भावना को दबाने में विफल रही है।"
बयान
मंत्री को नहीं है किसानों को बदनाम करने का अधिकारी- सिंह
मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, "जंतर-मंतर पर कैमरामैन पर हमला निंदनीय था और दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन मंत्री की प्रतिक्रिया पूरी तरह अनुचित और उकसाने वाली थी। उन्हें किसानों को बदनाम करने का कोई अधिकार नहीं है।"
माफी
विवाद के बाद मंत्री लेखी ने मांगी माफी
मामले में विवाद होने पर मंत्री लेखी ने शुक्रवार को अपने बयान पर माफी मांग ली।
उन्होंने कहा, "मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। मैं कॉन्फ्रेंस के दौरान पूछे गए सवालों का जवाब दिया और कहा था कि केवल मवाली ही ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, किसान नहीं। यदि फिर भी मेरे बयान से किसानों या अन्य किसी को भी दुख पहुंचा है तो मैं माफी मांगती हूं और अपने शब्दों को वापस लेती हूं।"