टूलकिट मामला: दिशा रवि बोलीं- TRP की चाह में मीडिया ने दोषी घोषित किया
किसान आंदोलन से जुड़ी 'टूलकिट' शेयर करने के मामले में देशद्रोह का आरोप झेल रहीं पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये अपना पक्ष रखा है। इसमें उन्होंने कहा कि अदालत की बजाय TRP की चाह रखने वाले लोगों ने उन्हें दोषी करार दे दिया। यहां दिशा का मीडिया की तरफ था, जिसका जिक्र हाई कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान किया था। आइये, जानते हैं कि दिशा ने अपने जवाब में क्या-क्या बातें कही हैं?
कौन हैं दिशा रवि और वो चर्चा में क्यों आईँ?
बेंगलुरू की रहने वाली 21 वर्षीय दिशा रवि को किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस टूलकिट को फरवरी के पहले हफ्ते में स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्विटर पर शेयर किया था। पुलिस ने इसे "भारत के खिलाफ साजिश" माना और इसे बनाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। पुलिस का आरोप है कि दिशा ने टूलकिट को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी और वह मुख्य साजिशकर्ता है।
दिशा ने बयान में क्या कहा?
13 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने दिशा को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था और 23 फरवरी को उन्हें जमानत मिली। दिशा ने अपने बयान में लिखा कि अगर कोई उनसे पूछता कि अगले पांच सालों में वो खुद को कहां देखती है तो उनका जवाब यकीनन जेल नहीं होता। उन्हें नहीं पता था कोर्ट में क्या बोलना है और वो जब तक ऐसा समझ पातीं उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
TRP की चाह में दोषी करार दिया गया- दिशा
दिशा ने अपने बयान में लिखा, 'यह आश्चर्य की बात नहीं है कि गिरफ्तारी के बाद के दिनों में मेरे अधिकारों का हनन हुआ। मीडिया में मेरी तस्वीरें चल रही थीं। मुझे अदालत ने नहीं बल्कि TRP (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट) की चाह रखने वाले टीवी स्क्रीन्स पर दोषी करार दे दिया गया। मैं इस बात से बेखबर वहां बैठी रही कि उनके विचार के हिसाब से मेरे बारे में मनगढ़ंत बातें कही गईं।'
समर्थन करने वाले लोगों का जताया आभार
दिशा ने आगे लिखा, 'जेल में रहते हुए मैं सोच रही थी कि इस ग्रह पर जीविका के सबसे बुनियादी तत्वों के बारे में सोचना कब से गुनाह हो गया। यदि हमने अंतहीन खपत और लालच को रोकने के लिए समय पर कार्रवाई नहीं की तो मानव जाति अपनी समाप्ति के करीब पहुंच जाएगी।' दिशा ने उनके समर्थन में आवाज उठाने वाले लोगों के प्रति समर्थन जताया और कहा कि वो भाग्यशाली थी, जो उन्हें इस तरह की मदद मिली।
...लेकिन हम लड़ते रहेंगे- दिशा
उन्होंने अपने बयान के आखिरी हिस्से में लिखा कि विचार मरते नहीं और सच चाहे जितना समय ले, हमेशा बाहर आता है। आखिर में उन्होंने बस्तर की कार्यकर्ता सोनी सोरी की बात लिखते हुए अपना बयान खत्म किया। उनके बयान की आखिरी लाइन है, 'हमें हर दिन धमकी दी जाती है, हमारी आवाजें कुचल दी जाती हैं, लेकिन हम लड़ते रहेंगे।' उनका यह पूरा बयान अंग्रेजी में है, जिसे आप यहां टैप कर पढ़ सकते हैं।