उत्तर प्रदेश: योगी की कुर्सी पर कोई आंच नहीं, कैबिनेट में शामिल होंगे प्रधानमंत्री के करीबी
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा, हालांकि कैबिनेट में कई नए चेहरों को शामिल किया जाएगा।
NDTV ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के करीबियों में शामिल पूर्व अधिकारी एके शर्मा को भी राज्य सरकार में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
कैबिनेट का विस्तार इसी महीने हो सकता है और धर्म और जाति के समीकरणों को ध्यान में रखते हुए नए चेहरे लिए जाएंगे।
महामारी का असर
योगी की कुर्सी खतरे में होने की थी अटकलें
ये खबर ऐसे समय पर आई है जब कोरोना वायरस महामारी को संभालने के तरीके को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी खतरे में होने की अटकलें चल रही थीं और हाल ही में लखनऊ में हुई भाजपा की दो दिवसीय समीक्षा बैठक ने इन अटकलों को और बढ़ा दिया था।
कहा जा रहा था कि भाजपा नेतृत्व को इसका असर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ने की आशंका है और इसलिए वह डैमेड कंट्रोल में लगा है।
सूत्र
भाजपा ने कहा- मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे योगी
हालांकि भाजपा के सूत्रों ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ राज्य के मुख्यमंत्री और स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव इन्हीं नेताओं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
हालांकि कैबिनेट का विस्तार इसी महीने किया जा सकता है और धार्मिक और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट में बदलाव किया जाएगा।
जानकारी
बेहतर समन्वय के लिए नियमित तौर पर की जाएंगी बैठक
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार और पार्टी संगठन के बीच बेहतर समन्वय के लिए नियमित तौर पर बैठक की जाएंगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद पार्टी के कार्यों में सुधार का जायजा लेने के लिए अगले महीने दौरे पर आ सकते हैं।
फैसला
भाजपा और RSS की समीक्षा के बाद लिया गया फैसला
यह फैसला भाजपा नेता बीएल संतोष और राधा मोहन सिंह के पार्टी नेताओं से विस्तृत फीडबैक लेने और समीक्षा करने के बाद लिया गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी ऐसी ही समीक्षा की थी और इसमें महामारी का सरकार पर नकारात्मक असर पड़ने की बात कही थी। RSS ने इसका असर 2024 लोकसभा चुनाव पर पड़ने की आशंका भी जताई थी।
RSS में नंबर दो दत्तात्रेय होसबोले ने लखनऊ यात्रा के दौरान ये फीडबैक लिया था।
बैठक
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी कर चुके हैं महामंथन
बता दें कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी भाजपा और RSS के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक कर कोरोना महामारी के चुनावों पर असर पर महामंथन किया था।
इसमें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर खास तौर पर चर्चा हुई थी और पार्टी और RSS के कई नेताओं ने चिंता जताई थी कि महामारी का राज्य में पार्टी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
कोरोना का कहर
उत्तर प्रदेश में दूसरी लहर के कारण बदतर हो गई थी स्थिति
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का बहुत ज्यादा असर देखने को मिला था और गांव-गांव में लोग बीमार पड़ गए थे।
राज्य सरकार के आंकड़ों में भले ही संक्रमण की स्थिति उतनी बुरी न नजर आती हो, लेकिन जमीन पर स्थिति काफी खराब रही। राज्य सरकार पर मामलों और मौतों को दबाने का आरोप भी लगा था।
गंगा में तैरती और इसके तट पर दफनाई गई लाशों ने और बुरी तस्वीर पेश की थी।