सर्वदलीय बैठक: किसानों से एक फोन कॉल दूर सरकार, बातचीत से निकलेगा हल- मोदी
सरकार ने शनिवार को बजट सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने और विधायी कार्यों के संदर्भ में चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई। आभासी रूप से आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इस दौरान उन्होंने किसान आंदोलन के मुद्दे पर कहा कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों का बातचीत के जरिए समाधान निकालने का निरंतर प्रयास कर रही है। यह मुद्दा बातचीत से ही हल होगा।
मोदी ने किया सरकार के एक फोन कॉल दूर होने का वादा
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों को दिया सरकार का प्रस्ताव आज भी कायम है। उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि वो किसानों से केवल एक फोन दूर हैं। वह भी यह दोहराना चाहते हैं कि किसान प्रस्ताव पर आराम से चर्चा कर लें, सरकार महज एक फोन कॉल की दूरी पर है। बातचीत से ही समाधान निकल सकता है।
कृषि कानूनों पर दो साल तक रोक लगाने को तैयार है सरकार- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा 22 जनवरी को हुई बैठक में किसानों को दो साल तक तीनों कानूनों पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया था। अब वह यही प्रस्ताव किसानों को दे रहे हैं। किसानों को शांति से इस पर विचार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
इन नेताओं ने किया कृषि कानूनों का विरोध
बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना सांसद विनायक राउत और शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भांडेर ने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसान आंदोलन का समर्थन किया, जबकि जनता दल यूनाइटेड के सांसद आरसीपी सिंह ने कानूनों का समर्थन किया। इस दौरान विपक्षी दलों ने दिल्ली हिंसा की भी निंदा की, लेकिन सरकार से आंदोलन में घुसपैठ करने वाले बाहरी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
गांधीजी की प्रतिमा तोड़े जाने पर व्यक्त किया खेद
सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित डेविस के सेंट्रल पार्क में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की छह फीट ऊंची कांसे की प्रतिमा को तोड़े जाने की घटना पर भी दुख जताते हुए खेद व्यक्त किया।
बजट सत्र की शुरुआत के बाद हुई बैठक
इस बार सत्र की शुरुआत के बाद सर्वदलीय बैठक हुई। जबकि प्रथा अनुसार सत्र शुरू होने से पहले दोनों सदनों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाती है। बता दें कि शुक्रवार को 20 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार कर दिया था। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शुक्रवार को सदन के फ्लोर लीडर्स सदन की गरिमा का सम्मान करने का अनुरोध किया था।
फिर से बढ़ने लगी प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या
बता दें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग को लेकर किसान पिछले दो महीनें से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान नेता शनिवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को 'सदभावना दिवस' के रूप में मना रहे हैं। विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर उन्होंने एक दिन का उपवास रखा। किसान नेता राकेश टिकैट की भावुक अपील के बाद अब फिर से आंदोलन में किसानों की संख्या में इजाफा होने लगा है। सरकार इस पर नजरें गढ़ाए हुए हैं।
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई थी हिंसा
किसानों की ओर से गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में बुलाई ट्रैक्टर परेड में एक धड़ा शुरूआत में ही तय रास्ते से हट गया और ITO होते हुए लाल किले की तरफ निकल गया। इस दौरान उनकी ITO और लाल किला सहित मुकरबा चौक, गाजीपुर, ITO, सीमापुरी, नांगलोई, टिकरी बॉर्डर पर पुलिस के साथ जबरदस्त भिडंत हुई। इसमें कम से कम 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा।