केरल: 2016 से बन रही थी मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग, चार दिन में बना दिया अस्पताल
केरल के कासरगोड जिले में पिछले चार सालों से एक मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा था। साल 2013 में इसका शिलान्यास किया गया और तीन साल बाद 2016 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ। चार साल बीत जाने के बाद अभी तक अस्पताल का केवल चार मंजिला प्रशासनिक भवन बना था। इसी बीच राज्य में कोरोना वायरस के मामले आने लगे और महज चार दिन में इस भवन को अस्पताल में बदल दिया गया।
कासरगोड में 125 से ज्यादा मामले
महामारी के मामलों के बीच अस्पताल में बदले गए इस प्रशासनिक भवन में सबसे पहले बिजली का बंदोबस्त किया गया। पिछले सप्ताह यहां बिजली लगने के बाद सात करोड़ रुपये के मेडिकल उपकरण रखे गए हैं। बता दें कि कर्नाटक की सीमा से लगते अकेले कासरगोड जिले में कोरोना वायरस के 128 मामले सामने आए हैं। इसे हॉटस्पॉट घोषित किया गया है और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
पहले चरण में लगाए गए 200 बेड
पहले चरण में इस विशेष अस्पताल में 200 बेड और 10 इंटेनसिव केयर यूनिट (ICU) का इंतजाम किया जाएगा। मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अगले चरण में 100 और बेड और 10 ICU लगाए जाएंगे।
हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार- मुख्यमंत्री विजयन
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के दिशानिर्देशों पर महज चार दिन में आधुनिक COVID-19 अस्पताल इलाज केंद्र तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि सरकार हर हालत से निपटने को तैयार है। राज्य में 517 कोरोना केयर सेंटर में 17,461 आइसोलेशन बेड का इंतजाम किया गया है, जिनमें से 38 पूरी तरह ऑपरेशनल है। इसके अलावा 1.25 लाख बेड उपलब्ध है।
केरल में लगाए गए WISK
केरल में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए वॉक इन सैंपल कियोस्क (WISK) लगाए गए हैं। यहां उन लोगों के सैंपल इकट्ठा किए जाएंगे, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण हैं। कियोस्क के जरिये PCR और रैपिड टेस्ट किए जा सकते हैं।
यहां देखिये कैसे काम करता है WISK
देश में 114 पहुंची मृतकों की संख्या
मंगलवार सुबह तक केरल में कुल 327 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी, जिनमें से 258 का इलाज चल रहा है, जबकि 58 लोग ठीक हो चुकी है। वहीं दो लोगों की इसके कारण मौत हुई है। अगर पूरे देश की बात की जाए तो महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या 4,422 पहुंच गई है। इनमें से 3,981 का इलाज चल रहा है और 325 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं 114 लोगों की मौत हो चुकी है।