उत्तर प्रदेश: तबलीगी जमात पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाने वाले शख्स की हत्या
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में तबलीगी जमात के सदस्यों पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाने पर एक शख्स की हत्या होने का मामला सामने आया है। पीड़ित की उसके घर के बाहर गोली मारी गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने का आदेश दिया है और सख्य कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हत्या के संबंध में दो लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
तबलीगी जमात और एक विशेष समुदाय पर लगाया था कोरोना वायरस फैलाने का आरोप
मामला इलाहाबाद के करेली का है। स्थानीय लोगों के अनुसार, 29 वर्षीय पीड़ित शख्स ने लोगों के एक समूह से बातचीत के दौरान तबलीगी जमात और एक विशेष समुदाय के लोगों पर देश में कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाया था। समूह में से एक शख्स उसकी बातें सुनकर वहां से चला गया और कुछ मिनटों बाद अन्य कुछ लोगों को लेकर लौटा। इन आरोपियों ने पीड़ित पर गोली चला दी जिससे उसकी मौत हो गई।
घर के बाहर खड़ा था पीड़ित, सिर में लगी गोली
इलाहाबाद के सर्कल ऑफिसर (CO) अमित श्रीवास्तव ने मामले की जानकारी देते हुए बताया, "जब हमलावरों ने उस पर हमला किया तब पीड़ित अपने घर के बाहर खड़ा हुआ था। एक गोली उसके सिर पर लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।" उन्होंने बताया कि दो आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है औऱ उनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये देगी योगी सरकार
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए प्रशासन को आरोपियों पर NSA लगाने का आदेश दिया है। मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये देने का ऐलान भी किया गया है।
बिना पैंट घूमने वाले तबलीगियों पर NSA लगाने का आदेश भी दे चुके हैं योगी
योगी आदित्यनाथ इससे पहले मेडिकल स्टाफ के साथ बदसलूकी करने वाले तबलीगी जमात के सदस्यों पर NSA लगाने का आदेश भी दे चुके हैं। गाजियाबाद के MMG अस्पताल ने क्वारंटाइन में रखे गए तबलीगी जमात के सदस्यों पर नर्सों पर भद्दी टिप्पणियां करने और बिना पैंट घूमने के आरोप लगाए थे। इन आरोपों के बाद उन पर NSA लगाने का आदेश देते हुए योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मानवता का दुश्मन बताया था।
क्या है तबलीगी जमात का मामला?
पिछले महीने निजामुद्दीन की मरकज मस्जिद में तबलीगी जमात ने एक धार्मिक आयोजन किया था जिसमें विभिन्न राज्यों और देशों के हजारों लोग शामिल हुए थे। कार्यक्रम के बाद कुछ लोग अपने-अपने राज्य वापस लौट गए, वहीं लगभग 2,000 लोग पाबंदियों का उल्लंघन करते हुए मस्जिद में ही रुके रहे। इस आयोजन से संबंधित रहे 17 राज्यों के 1,023 लोगों को अब तक संक्रमित पाया जा चुका है। वहीं लगभग 22,000 को अलग-अलग राज्यों में क्वारंटाइन किया गया है।