केरल: मुख्यमंत्री विजयन के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए 119 लोगों पर केस
अपने 3 साल के कार्यकाल में केरल की वामपंथी सरकार मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए 119 लोगों पर केस कर चुकी है। विधानसभा की वेबसाइट पर हाल ही में अपलोड किए गए एक दस्तावेज से ये खुलासा हुआ है। ये मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ट्वीट के लिए पत्रकार की गिरफ्तारी का मामला चर्चा में है।
सरकारी कर्मचारियों पर भी किया गया केस
भारतीय केंद्रीय मुस्लिम लीग के नेता एमके मुनीर ने जनवरी 2019 के केरल विधानसभा सत्र में इससे संबंधित सवाल पूछा था। इस पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का जवाब अब विधानसभा की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। वेबसाइट पर मौजूद दस्तावेज के अनुसार, जिन 119 लोगों पर केस दर्ज किया गया है, उनमें राज्य सरकार के 12 सरकारी/अर्द्ध-सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। केंद्र सरकार के एक कर्मचारी पर भी केस किया गया है।
सबरीमाला विवाद के आया मामलों में उछाल
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए राज्य सरकार के 41 कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। उनमें से 12 के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जबकि बाकी विभागीय जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री के एक और जवाब के अनुसार, सबरीमाला मुद्दे पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों और वीडियोज के लिए 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
नेता विपक्ष को गाली के लिए 3 लोगों के खिलाफ मामला
सोशल मीडिया पर नेता विपक्ष को गाली देने के लिए भी 3 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस को नेता विपक्ष के खिलाफ आपत्तिजनक साम्रगी और टिप्पणी पोस्ट करने वालों के खिलाफ 11 शिकायतें मिलीं थीं और इनमें जांच जारी है।
नेता विपक्ष ने कहा, योगी के कदमों पर चल रहे हैं विजयन
सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तारी का यह मामला केरल विधानसभा में भी उठा और विपक्ष ने विजयन की तुलना योगी आदित्यनाथ से की। नेता विपक्ष रमेश चेन्निथला ने कहा, "पिनराई विजयन योगी आदित्यनाथ के कदमों पर चल रहे हैं। अगर कोई भी उनके खिलाफ मुंह खोलता है तो कार्रवाई की जाती है। लेकिन मेरे खिलाफ इतनी नफरत और बदनामियों के मामले में सीधे पुलिस को शिकायत किए जाने के बावजूद कुछ नहीं किया जाता है।"
मुनीर ने कहा, योगी और विजयन राज में कोई अंतर नहीं
वहीं, जनवरी में यह सवाल पूछने वाले मुनीर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "विजयन और योगी आदित्यनाथ के राज में जो हो रहा है, उसमें कोई अंतर नहीं है। उनके खिलाफ किसी भी टिप्पणी और आलोचना का जवाब पुलिस कार्रवाई से दिया जाता है। लेकिन विपक्ष की शिकायतों का कोई कार्रवाई नहीं की जाती।" वहीं, केरल सरकार का कहना है कि ये मामले जनता की शिकायतों के आधार पर दर्ज किए गए हैं और इनमें मुख्यमंत्री शामिल नहीं हैं।
योगी पर ट्वीट के लिए किया गया था पत्रकार को गिरफ्तार
पिछले शनिवार को योगी आदित्यनाथ पर ट्वीट के लिए पत्रकार प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार किया गया था। प्रशांत ने योगी से शादी करने का दावा करने वाली महिला का वीडियो ट्वीट करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा था, "इश्क छुपता नहीं छुपाने से योगी जी।" यूपी पुलिस ने ट्वीट का स्वयं संज्ञान लेते हुए उसे दिल्ली में उसके घर से उठा लिया। सुप्रीम कोर्ट के प्रशांत की तत्काल रिहाई के आदेश के बाद उसे बुधवार शाम को रिहा किया गया।