देश में पहली बार, 20 लाख गरीब परिवारों को फ्री इंटरनेट देगी इस राज्य की सरकार
दो साल पहले इंटरनेट को एक बुनियादी मानवाधिकार घोषित करने वाली केरल सरकार ने बुधवार को गरीबों को फ्री इंटरनेट प्रदान करने के लिए 1,548 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी। इस योजना के तहत 20 लाख गरीब परिवारों को हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान किया जाएगा। बता दें कि गरीबों को फ्री इंटरनेट प्रदान करना सत्ता पर काबिज CPM के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेडिट फ्रंट (LDF) का एक मुख्य चुनावी वादा था।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को मिला टेंडर
बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई। इस परियोजना को केरल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क (K-FON) नाम दिया गया है। ये केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (KSEB) और केरल स्टेट IT इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (KSITL) का एक जॉइंट वेंचर होगा। राज्य सरकार की कंपनी KIIFB की मदद से इसकी फंडिग की जाएगी। केंद्रीय PSU भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के समूह को इसका टेंडर दिया गया है।
इन सभी को मिलेगा परियोजना से फायदा
इस परियोजना के तहत पूरे राज्य में ऑप्टिकल फाइबल नेटवर्क विकसित किया जाएगा, जो सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और घरों को कनेक्ट करेगा। इसे दिसंबर 2020 तक पूरा करने की डेडलाइन रखी गई है और अभी इसका लक्ष्य करीब 20 लाख गरीब परिवारों को फायदा पहुंचाना है। जो परिवार हाई-स्पीड इंटरनेट का खर्च नहीं उठा सकते, उन्हें भी इसके तहत सस्ते रेट पर इंटरनेट प्रदान किया जाएगा। केबल टीवी और इंटरनेट प्रोवाइडर्स भी इस परियोजना से जुड़ सकते हैं।
30,000 स्कूलों और सरकारी दफ्तरों को जोड़ा जाएगा
इस परियोजना में 30,000 स्कूलों और सरकारी दफ्तरों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जो़ड़ा जाएगा। इसके अलावा गांवों में स्वयं सहायता समूह (SHG) ई-कॉमर्स के जरिए कुछ बेचने के लिए इस नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकेंगे।
उद्योगों के लिए भी मददगार साबित होगी परियोजना
इन उपयोगों के अलावा ये परियोजना राज्य के उद्योगों के लिए भी एक बड़ा प्रोत्साहन साबित होगी। निवेशकों को राज्य की ओर खींचने और तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में लगे मुख्यमंत्री विजयन को इस परियोजना में खास दिलचस्पी है। अपने बयान में राज्य सरकार ने कहा है कि K-FON परियोजना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचैन और स्टार्टअप कंपनियों के लिए बेहद मददगार साबित होगी।
विकास के मामले में एक कदम आगे जाना चाहती है केरल सरकार
बता दें कि 2016 विधानसभा चुनाव में LDF ने गरीबों को फ्री इंटरनेट प्रदान करने का वादा किया था। सरकार में आने के बाद उसने इंटरनेट को बुनियादी मानवाधिकार घोषित कर दिया और अब अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए इस परियोजना को मंजूरी दी है। वो ऐसा करने वाला पहला राज्य है। दरअसल, विकास के सामाजिक सूचकांकों, जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य आदि में अव्वल सभी को इंटरनेट प्रदान करके राज्य अब एक कदम आगे जाना चाहता है।