#NewsBytesExplainer: मौसम विभाग के येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट का क्या मतलब होता है?
उत्तर भारत में मूसलाभार बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) प्रतिदिन मौसम संबंधी घटनाओं के पूर्वानुमान को लेकर 'कलर कोड' में चेतावनी जारी करता है। यह चेतावनी बारिश, बर्फबारी, तूफान, ओलावृष्टि, आंधी, गर्म हवा और शीत लहर जैसी खराब मौसम की स्थिति को लेकर होती है, जो ग्रीन, येलो, ऑरेंज और रेड रंगों से परिभाषित होती है। आइए जानते हैं कि IMD चेतावनियों के लिए कलर कोड का इस्तेमाल क्यों करता हैं और इनका मतलब क्या है।
क्यों होता है कलर कोड का इस्तेमाल?
IMD मौसम संबंधी घटनाओं की गंभीरता स्पष्ट करने के लिए कलर कोड इस्तेमाल करता है। IMD द्वारा किसी घटना के घटित होने की संभावना और खतरे के आधार पर अलग-अलग कलर कोड का इस्तेमाल किया जाता है। इसका उद्देश्य मुख्य रूप से प्रासंगिक अधिकारियों को मौसम के प्रभाव के बारे में चेतावनी देना होता है, जिससे आपदा के खतरे को कम करने के लिए समय पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके। इन कलर कोड को समझना बेहद आसान होता है।
कलर कोड किस आधार पर तय किया जाता है?
IMD के अनुसार, कलर कोड तय करने के लिए एक विशिष्ट मैट्रिक्स का पालन किया जाता है, जिसमें घटना के घटित होने की आशंका और प्रभाव का आंकलन होता है। कलर कोड के मूल्यांकन में मौसम संबंधी कारक, जलीय कारक, भू-भौतिकीय कारक आदि शामिल किए जाते हैं, जो प्रभाव और खतरों को निर्धारित करने पर परस्पर प्रभाव डाल सकते हैं। इन सभी कारकों के आधार पर कोड तय होता है और यह पूर्वानुमान 5 दिनों के लिए वैध होता है।
कितनी बारिश पर कौन-सा अलर्ट जारी किया जाता है?
बात बारिश की चेतावनी की करें तो 24 घंटे में 64 मिमी से कम बारिश के लिए ग्रीन अलर्ट होता है। अगर 64.5 मिमी से 115.5 मिमी के बीच बारिश की संभावना है तो येलो अलर्ट होगा। एक दिन में 115.6 से 204.4 मिमी के बीच बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है। इसी तरह 204.5 मिमी से ऊपर बारिश की संभावना पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है।
ग्रीन कलर कोड का क्या मतलब है?
IMD में ग्रीन कलर कोड का मतलब सामान्य मौसम से होता है। इसमें किसी मौसमी घटना की संभावना होती है, लेकिन इसके लिए किसी भी तरह की एडवाइजरी जारी करने की जरूरत नहीं होती। बारिश को लेकर चेतावनी में ग्रीन कलर कोड का मतलब है कि भारी बारिश की संभावना नहीं है। सीधे शब्दों में कहें तो ग्रीन कलर कोड का इस्तेमाल तब होता है, जब मौसमी बदलाव से कोई खतरा नहीं होता है।
येलो अलर्ट का क्या मतलब?
IMD की चेतावनी में येलो अलर्ट खराब मौसम की स्थिति को दर्शाता है। इसका मतलब है कि मौसम की स्थिति खराब होने की संभावना है और यह दैनिक जीवन में व्यवधान पैदा कर सकती है। इस कलर कोड में चेतावनी जारी होने का मतलब है कि आपको कोई खास खतरा तो नहीं है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। इसमें मौसम के आए बदलाव के कारण क्षेत्र विशेष में लोगों को थोड़ी परेशानी हो सकती है।
ऑरेंज अलर्ट क्या है?
IMD की चेतावनी में ऑरेंज अलर्ट बेहद खराब मौसम की आशंका को दर्शाता है। इसका मतलब है कि बारिश, आंधी, शीतलहर और गर्म हवा आदि से जनजीवन पर खासा असर पड़ सकता है। इस चेतावनी से आशय है कि मौसमी बदलावों से परिवहन सेवाओं में व्यवधान हो सकता है और क्षेत्र विशेष में बिजली आपूर्ति बाधित होने की भी आशंका है। इस स्थिति में प्रशासन को अलर्ट पर रखा जाता है।
सबसे खतरनाक रेड अलर्ट का क्या मतलब?
IMD की चेतावनी में रेड अलर्ट मौसम की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। इसका मतलब है कि मौसम बेहद खराब हो सकता है और बारिश या अतिवृष्टि के कारण बाढ़ आदि का खतरा है। इस चेतावनी का मतलब है कि खराब मौसम के कारण जानमाल के भारी नुकसान का बड़ा खतरा है। इस स्थिति में प्रशासन द्वारा संभावित खतरे वाले क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया जाता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारतीय मौसम विभाग (IMD) की स्थापना 1875 में कोलकाता में हुई थी। 1944 में इसका मुख्यालय दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया। IMD भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन काम करता है। यह मौसम संबंधी अनुमान, मौसम की भविष्यवाणी और भूकंपीय विज्ञान के लिए जिम्मेदार प्रमुख एजेंसी है। IMD भारत और अंटार्कटिका के सैकड़ों ऑब्जर्वेशन स्टेशनों का संचालन करता है। इसके क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई, कोलकाता, नागपुर और पुणे में हैं।