चक्रवाती तूफान 'मोका' का कैसे पड़ा नाम और भारत के किन राज्यों में दिखेगा इसका असर?
क्या है खबर?
बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर में सोमवार को कम दबाव का क्षेत्र बनने से चक्रवाती तूफान 'मोका' का खतरा बढ़ गया है।
इसके चलते भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और पूर्व-मध्य हिस्से और अंडमान सागर के आस-पास के क्षेत्रों के साथ-साथ सभी पूर्वी राज्यों को अलर्ट पर रखा है।
आइए जानते हैं कि इस चक्रवाती तूफान का नाम 'मोका' कैसे पड़ा और इसका कहां असर दिखाई देगा।
नाम
'मोका' नाम कैसे पड़ा?
चक्रवाती तूफानों का नामकरण क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है। नामकरण की ये प्रणाली विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) के सदस्य देशों द्वारा स्वीकृत है।
चक्रवात 'मोका' का नाम यमन द्वारा सुझाया गया है। ये नाम यहां के लाल सागर के बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है, जिसने 500 साल पहले दुनिया के सामने सबसे पहले कॉफी पेश की थी।
IMD
IMD के अधिकारियों का क्या है पूर्वानुमान?
IMD के मुताबिक, तूफान मोका के 9 मई को एक दबाव में और 10 मई को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के आस-पास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। 11 मई को ये तूफान उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा।
इसके बाद 12 मई के आस-पास तूफान के म्यांमार और बांग्लादेश तट से टकराने की संभावना है, जिसके चलते अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
असर
किन राज्यों में तूफान का दिखाई देगा असर?
IMD के महानिदेशक एम महापात्रा ने कहा, "तूफान के तट से टकराने का समय इसकी अपेक्षित तीव्रता पर निर्भर करता है, जिसका विवरण जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा क्योंकि पूर्वानुमान का मॉडल 5 दिनों की अवधि के भीतर ही स्पष्ट रूप तस्वीर पेश करता है।"
IMD के मुताबिक, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के कई जिलों में इस तूफान का असर दिखेगा और यहां तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है।
चेतावनी
तूफान को लेकर IMD ने दी चेतावनी
इस तूफान के मद्देनजर IMD ने मंगलवार को छोटे समुद्री जहाजों और मछुआरों को बाहर समुद्र में नहीं निकलने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही IMD के अधिकारियों ने 12 मई तक अंडमान और निकोबार के पास पर्यटन गतिविधियों को भी सीमित करने को कहा है।
इस दौरान दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहेगी और समुद्र में ऊंची लहरें उठने की संभावना है।