#NewsBytesExplainer: टमाटर की कीमत अचानक 100 रुपये के पार क्यों चली गई है?
पिछले कुछ दिनों में देश के ज्यादातर हिस्सों में टमाटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार निकल गई है। थोक बाजारों में टमाटर 65 से 70 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है। कुछ हफ्ते पहले तक टमाटर 10-20 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा था, लेकिन अभी इसकी कीमत 100-120 रुपये प्रति किलो हो गई है। आइए जानते हैं कि टमाटर की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी के पीछे क्या कारण हैं।
बारिश और गर्मी के कारण बर्बाद हुई फसल
टमाटर के कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं। कई राज्यों में बारिश के कारण टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है और इससे पहले भीषण गर्मी के वजह से टमाटर के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई थी। उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में टमाटर का उत्पादन कम हुआ है। इससे पड़ोसी राज्यों में पर्याप्त मात्रा में टमाटर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इस वजह से अचानक टमाटर के दाम बढ़े हैं।
दामों में बढ़ोतरी की और क्या वजह?
महाराष्ट्र के किसानों को टमाटर की फसल के सही दाम नहीं मिलने को भी कीमतों में उछाल का एक कारण माना जा रहा है। किसानों ने बताया कि मई में टमाटर की कीमत 2 रुपये प्रति किलो तक आ गई थी। सही दाम नहीं मिलने पर उन्होंने बहुत सारे टमाटरों को फेंक दिया और फसल में भी कीटनाशकों और उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं किया। इससे फसल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया और इससे उत्पादन में गिरावट आई है।
दूर के राज्यों से टमाटर लाने के कारण भी हुई वृद्धि
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की आजादपुर थोक मंडी के एक टमाटर व्यापारी ने बताया कि एक हफ्ते में टमाटर की कीमत दोगुनी हो गई है। इसकी वजह उत्तर प्रदेश और हरियाणा से होने वाली कम आपूर्ति है। उन्होंने कहा कि बाजार में आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से टमाटर आ रहे हैं और इन राज्यों से माल ढुलाई में लगने वाली अधिक लागत के कारण भी टमाटर के दामों में बढ़ोतरी हुई है।
चक्रवात 'बिपरजॉय' ने भी फसल को पहुंचाया नुकसान
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' के कारण भी कुछ राज्यों में टमाटर का उत्पादन प्रभावित हुआ है। देश में टमाटर का उत्पादन करने वाले राज्यों जैसे गुजरात और महाराष्ट्र में चक्रवात ने टमाटर की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। चक्रवात के कारण इन दोनों राज्यों में टमाटर के उत्पादन पर असर पड़ा है और इसकी वजह से टमाटर के दामों में कई राज्यों में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
किन राज्यों में होता है टमाटर का सर्वाधिक उत्पादन?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में साल 2021-22 में 2 करोड़ टन से ज्यादा टमाटर का उत्पादन हुआ था। देश में मुख्य तौर पर 2 किस्म के टमाटर उगाए जाते हैं, जिनमें हाइब्रिड और लोकल शामिल हैं। देश में मध्य प्रदेश सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है। इसके बाद सर्वाधिक टमाटर उगाने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, बिहार और पश्चिम बंगाल शामिल है।
कब देखने को मिलेगी दामों में गिरावट?
विश्लेषकों को मुताबिक, बाजार में 1 से 2 महीने में नई फसल आने के बाद टमाटर के दाम में गिरावट आने की उम्मीद है। तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार, टमाटर के पौधे जब 3 महीने के हो जाते हैं तो इनसे सप्ताह में 2 बार टमाटर की उपज मिलती है। उन्होंने बताया कि टमाटर का एक पौधा 1 से 2 महीने की अवधि के बीच तक फसल देता है, जो उसकी किस्म, मिट्टी और जलवायु पर निर्भर है।
न्यूजबाइट्स प्लस
नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश भारत है। यहां 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज के साथ लगभग 1.975 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन होता है। वर्तमान में मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में टमाटर की बुवाई का काम चल रहा है। टमाटर की फसल बुवाई के 2-3 महीने बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है।