दिल्ली में बाढ़ का खतरा, लोगों को निकालने का काम शुरू
उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में पिछले 3 दिनों से भारी बारिश जारी है, जिससे 37 से अधिक लोगों की जान गई गई है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर, जो कल देर शाम 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया था, वो आज सुबह 206.32 मीटर पर पहुंच गया है। हरियाणा ने हथिनीकुंड बैराज से नदी में अधिक पानी छोड़ा है, जिससे दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम शुरू
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने कहा कि लगातार बारिश के चलते नदी उम्मीद से पहले खतरे के निशान को पार कर गई और अगले 24 घंटों में यमुना का जलस्तर अधिकतम 207.49 मीटर तक पहुंच सकता है। अधिकारियों ने बाढ़ की आशंका के चलते निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है। उन्हें शहर के विभिन्न हिस्सों में बनाए गए राहत शिविरों और सामुदायिक केंद्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने की थी उच्च स्तरीय बैठक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बारिश के कारण हुए जलभराव और यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था, "दिल्ली में बाढ़ की संभावना नहीं है, तैयारी पूरी है। 40 साल में पहली बार दिल्ली में इतनी भीषण बारिश हुई है। दुर्भाग्य से शहर में जल निकासी प्रणाली इतनी अधिक बारिश के लिए डिजाइन नहीं की गई है, जिसके कारण जगह-जगह जलभराव हुआ है।"
जलस्तर की निगरानी के लिए 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित
दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। शहर के अलग-अलग इलाकों में पानी को पंप की मदद से बाहर निकाला जा रहा है और यमुना नदी के जलस्तर की निगरानी के लिए केजरीवाल सरकार लगातार केंद्रीय जल आयोग के संपर्क में हैं।
हिमाचल प्रदेश में बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान
हिमाचल प्रदेश बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन और बादल फटने जैसी दर्जनों घटनाएं हुई हैं, जिससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। प्रदेश में 7 राष्ट्रीय राजमार्ग और 828 से ज्यादा सड़कें अब भी बंद हैं, जबकि ट्रेन और हवाई सेवाएं बारिश के चलते पूरी तरह से ठप हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
उत्तराखंड में भी भूस्खलन के चलते कई राष्ट्रीय राजमार्ग बंद
उत्तराखंड में भी लगातार बारिश हो रही है। यहां भूस्खलन और मलबा आने से गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गए हैं। यहां कई नदियों का जलस्तर खतरे के पार पहुंच चुका है। मंगलवार सुबह यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर झर्झरगाड़ के पास 100 मीटर से अधिक सड़क धंस गई। भूस्खलन के कारण सिरोहबगड़ के पास ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अभी भी बंद है। इसके अलावा केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं।
इन राज्यों में अभी और बारिश की संभावना
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में और बारिश की भविष्यवाणी की है। चूंकि भारी बारिश से लगभग पूरा उत्तर भारत प्रभावित है, इसलिए सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने प्रभावित राज्यों में राहत और बचाव अभियान तेज कर दिया है। उत्तर भारत में कई नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण शहरों और कस्बों में जलभराव हुआ है और कई सड़कें जलमग्न हैं।