मेघालय के राज्यपाल बोले- किसानों पर लाठीचार्ज के लिए माफी मांगे मनोहर लाल खट्टर
क्या है खबर?
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के लिए माफी मांगनी चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि वीडियो में 'किसानों का सिर फोड़ने' का आदेश देते हुए दिख रहे SDM को तुरंत नौकरी से निकाल देना चाहिए।
बता दें कि मलिक पहले भी किसान आंदोलन का समर्थन कर चुके हैं और उन्होंने सरकार से किसानों से बात करन की मांग की थी।
पृष्ठभूमि
करनाल में हुआ था लाठीचार्ज
हरियाणा के करनाल में शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दूसरे भाजपा नेताओं का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठियां बरसाई थीं।
लाठीचार्ज में कई किसान घायल हुए थे और उन्हें लहूलुहान अवस्था में अस्पताल ले जाया गया।
लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने कई घंटों तक हरियाणा के अलग-अलग रास्ते जाम रखे।
वहीं पुलिस का कहना है कि किसानों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए थे, जिसके बाद हल्का बलप्रयोग किया गया।
बयान
मलिक बोले- किसानों से माफी मांगे खट्टर
NDTV से बात करते हुए मलिक ने कहा कि इस वक्त कोई चुनाव नहीं है और पार्टी के प्रचार की जरूरत नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री खट्टर जानबूझकर उन इलाकों में अपनी बैठकें कर रहे हैं, जहां उन्हें पता है कि विरोध होगा।
मलिक ने कहा कि खट्टर चाहते हैं कि ये विरोध बढ़े और वो केंद्रीय नेतृत्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने खट्टर से किसानों से माफी मांगने की मांग की है।
बयान
SDM को फौरन हटाया जाए- मलिक
शनिवार को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें करनाल के SDM आयुष शर्मा पुलिसकर्मियों को आदेश देते हुए नजर आ रहे थे। वीडियो में पुलिसकर्मियों से कह रहे थे कि 'किसानों का सिर फोड़' देना, लेकिन वो नाके से आगे नहीं आने चाहिए।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मलिक ने कहा, "मैं बहुत व्यथित हूं इसे देखकर। ये अफसर एक मिनट भी नौकरी में रहने के लायक नहीं है। उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो जानी चाहिए थी।"
बयान
600 किसानों की मौत, लेकिन सरकार ने नहीं जताई संवेदना- मलिक
सत्यपाल मलिक ने कहा कि आंदोलन के दौरान 600 किसानों की मौत हो चुकी है और किसी भी सरकार की तरफ से संवेदना का एक शब्द नहीं आया है। इससे लोगों के मन में गुस्सा भर गया है, जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
गोवा, बिहार, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रह चुके मलिक ने कहा, "मैं ये दिल से बोल रहा हूं और ये मानकर बोलता हूं कि कल को मैं राज्यपाल नहीं रहूंगा।"
जानकारी
पहले भी कर चुके हैं किसान आंदोलन का समर्थन
इससे पहले मार्च में भी सत्यपाल मलिक ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा था कि सरकार को किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए।
तब बागपत के एक सम्मान समारोह में बोलते हुए उन्होंने दावा किया था गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद जब गाजीपुर बॉर्डर खाली कराने के आदेश हुए और राकेश टिकैत को गिरफ्तार करने की कोशिश की गई तो उन्होंने दखल देकर गिरफ्तारी रुकवाई थी।