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हरियाणा में लड़कियों को ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ दिए जाएंगे पासपोर्ट- खट्टर

हरियाणा में लड़कियों को ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ दिए जाएंगे पासपोर्ट- खट्टर

Jul 12, 2020
06:52 pm

क्या है खबर?

हरियाणा में अब लड़कियों को ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ ही पासपोर्ट दिया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसका ऐलान किया है। पासपोर्ट की पूरी प्रक्रिया को कॉलेज में पूरा किया जाएगा और ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ छात्रा को सौंप दिया जाएगा। इससे छात्राओं को पासपोर्ट बनवाने के लिए अलग से चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने शनिवार को 'हर सर हेलमेट' कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की।

जानकारी

योजना का ऐलान करते हुए खट्टर ने कही यह बात

लड़कियों को डिग्री के साथ पासपोर्ट देने का ऐलान करते हुए खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि सभी छात्राओं को अपने संस्थानों से ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ-साथ पासपोर्ट भी मिलना चाहिए।

ऐलान

'हर सर हेलमेट' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किया ऐलान

मुख्यमंत्री खट्टर ने शनिवार को करनाल में आयोजित 'हर सर हेलमेट' कार्यक्रम में शिरकत की। इस कार्यक्रम में स्कूल, कॉलेज और ITI के 18-25 साल के युवाओं को लर्निंग लाइसेंस और हेलमेट वितरित किए गए। लोकसभा सांसद संजय भाटिया ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम राजनीति से अलग है और इसका संबंध लंबे समय में दिखने वाले परिणामों से है। इस मौके पर उन्होंने हेलमेट की महत्ता पर जोर दिया।

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बयान

सड़क हादसों बचने के लिए हेलमेट जरूरी- खट्टर

खट्टर ने कहा कि देश में हर साल बड़ी संख्या में सड़क हादसे होते हैं। रोजाना औसतन 1,300 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने वाले अधिकतर लोगों की मौत हो जाती है। खट्टर ने कहा कि जहां तक प्रदेश की बात है तो यहां हर साल लगभग 4,500 सड़क हादसे होते हैं, जिनमें रोजाना औसतन 13 लोगों की असमय मौत हो जाती है। इसका मुख्य कारण सिर और दिमाग को नुकसान पहुंचना होता है।

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बयान

हेलमेट को मजबूरी न समझें- खट्टर

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दोपहिया वाहन चलाते समय यदि व्यक्ति हेलमेट पहने तो हादसे होने की सूरत में उसका 80 प्रतिशत बचाव संभव हो जाता है। हेलमेट पहनने का अभ्यास शुरू से हो और इसे मजबूरी ना समझें। हेलमेट के बिना चालान को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे चालान किसी सरकारी एजेंडे में नही आते न ही इससे कोई राजस्व में इजाफा होता है। चालान का मकसद वाहन चालक को जागरूक करने और उसके जीवन को सुरक्षित बनाना है।

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