
कोलकाता: नया संगठन 'पश्चिमबंग छात्र समाज' क्या है, जिसने किया 'नबन्ना अभिजन' का आह्वान?
क्या है खबर?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के विरोध में डॉक्टरों के बाद नए छात्र संगठन 'पश्चिमबंग छात्र समाज' ने 'नबन्ना अभिजन' का आह्वान किया है।
इसमें बड़ी संख्या में छात्र जुटे हैं और सचिवालय तक मार्च कर रहे हैं। हालांकि, इस दौरान छात्रों का पुलिस से टकराव हो गया और स्थिति तनावपूर्ण बन गई।
ऐसे में आइए जानते हैं यह छात्र संगठन क्या है और इसने मार्च का आह्वान क्यों किया है।
विरोध
कैसे उग्र हुआ छात्रों का विरोध मार्च?
'नबन्ना अभिजन' के तहत छात्र सचिवालय की ओर बढ़ रहे थे। उन्होंने हावड़ा ब्रिज पर लगाई गई पुलिस की बेरिकेडिंग को तोड़ दिया।
इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे छात्र उग्र हो गए और पुलिस पर पथराव करते हुए आगे बढ़ने लगे।
न्होंने हावड़ा ब्रिज पर बनाई गई लोहे की दीवार को गिरा दिया। ऐसे में पुलिस ने वाटर कैनन के साथ आंसू गैस के गोले भी दाग दिए। छात्र अब हावड़ा ब्रिज पर धरने पर बैठ गए।
संगठन
पश्चिमबंग छात्र समाज एक अपंजीकृत संगठन है
पश्चिमबंग छात्र समाज का अर्थ पश्चिम बंगाल में छात्रों का समाज है। एक अपंजीकृत छात्र संगठन है।
इसके छात्रों का दावा है कि उनका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है।
इस संगठन ने राजधानी कोलकाता के अस्पताल में डॉक्टर की रेप और हत्या की घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल सचिवालय 'नबन्ना' तक मार्च का आह्वान किया था, जो एक उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है।
यहीं पर मुख्यमंत्री और अन्य शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों के कार्यालय हैं।
नेतृत्व
कौन कर रहा है इस विरोध मार्च का नेतृत्व?
'नबन्ना अभिजन' विरोध मार्च का नेतृत्व रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्र प्रबीर दास, कल्याणी विश्वविद्यालय के शुभंकर हलदर और रवींद्र मुक्ता विश्वविद्यालय के सायन लाहिड़ी कर रहे हैं।
इस मार्च में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे हैं। इस दौरान अधिकतर छात्रों ने अपने हाथों में तिरंगा भी पकड़े रखा।
उनकी मांगों में पीड़िता को न्याय दिलाने, आरोपी को फांसी की सजा दिलाने और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इस्तीफा शामिल है।
साजिश
पुलिस ने मार्च को बताया था बड़ी साजिश
इस विरोध मार्च पर कोलकाता पुलिस का कहना है कि एक गैर पंजीकृत छात्र संगठन घटना के प्रति लोगों के गुस्से का दुरुपयोग कर राज्य में अराजकता पैदा करने करना चाहते हैं। यह एक बड़ी साजिश है।
पुलिस का कहना है कि 'नबन्ना अभिजन' का आह्वान करने वालों में से एक ने एक राजनीतिक दल के नेता से मुलाकात की है, जिसमें पुलिस के बल प्रयोग करते ही अराजकता फैलाने की तैयारी की योजना बनाई गई है।
बयान
ADG ने विरोध मार्च को बताया था अवैध
नबन्ना में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) मनोज वर्मा ने कहा कि पुलिस को विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली है, जिसके अनुसार उपद्रवियों द्वारा प्रदर्शनकारियों के बीच घुसने और रैली के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा और अराजकता भड़काने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा-163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जिससे 5 या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लग गई है।
जानकारी
SFI और DYFI संगठनों ने खुद किया अलग
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की युवा नेता मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि वामपंथी छात्र संगठन SFI और DYFI ने इसमें हिस्सा न लेने का निर्णय किया है। उनका कहा है कि इसका आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) समर्थित संगठन द्वारा किया जा रहा है।
समर्थन
क्या भाजपा इस संगठन का समर्थन कर रही है?
तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता कुणाल घोष और चंद्रिमा भट्टाचार्य ने सोमवार को एक वीडियो प्रसारित कर संदेह जताया कि पश्चिम मेदिनीपुर जिले के भाजपा नेता मार्च में हिंसा भड़काने की योजना बना रहे हैं। उनकी पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के लिए उकसाने की योजना है।
हालांकि, वरिष्ठ भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी रैली से जुड़ी हुई नहीं है, लेकिन वह इस आंदोलन का समर्थन करेंगे।
स्पष्ट
क्या कह रहे हैं पश्चिमबंग छात्र समाज के नेता?
पश्चिमबंग छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी ने कोलकाता प्रेस क्लब में कहा, "यह पश्चिम बंगाल के छात्रों द्वारा किया जा रहा एक बिल्कुल गैर-राजनीतिक विरोध मार्च है। हमारे लिए कोई राजनीतिक संबद्धता खोजने की कोशिश न करें। यह एक शुद्ध सामाजिक आंदोलन है और हम सभी राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं से अनुरोध कर रहे हैं कि वे इस मार्च से दूर रहें। हम नहीं चाहते कि इस मार्च से किसी राजनीतिक दल को फायदा हो।"