
पश्चिम बंगाल: पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के पार्थिव शरीर का नहीं होगा अंतिम संस्कार
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं होगा बल्कि इसे कोलकाता के IPGMER SSKM अस्पताल के एनॉटमी विभाग को सौंपा जाएगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भट्टाचार्य ने वैज्ञानिक शोध के लिए शहर के गैर-सरकारी संगठन गणदर्पण को अपना शरीर दान करने का संकल्प लिया था।
उन्होंने 8 मार्च, 2006 को पार्टी मुख्यालय में राज्य के उद्योग मंत्री निरुपम सेन और मदन घोष की मौजूदगी में देहदान के बॉन्ड पर हस्ताक्षर किए थे।
निधन
भट्टाचार्य का 80 वर्ष की उम्र में हुआ निधन
बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार सुबह कोलकाता स्थित अपने घर पर निधन हो गया। वह 80 साल के थे और काफी लंबे समय से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और दूसरी कई बीमारियों से जूझ रहे थे।
जुलाई में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत सुधरने के बाद छुट्टी कर दी गई थी। कोलकाता स्थित आवास पर ही उनका इलाज चल रहा था।
पिछले साल निमोनिया होने के कारण उनको वेंटीलेटर पर रखा गया था।
पहचान
कौन थे बुद्धदेव भट्टाचार्य?
1 मार्च, 1944 को जन्मे भट्टाचार्य 2001 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के 7वें मुख्यमंत्री थे। वे 1999 से 2000 तक बंगाल के उपमुख्यमंत्री भी रहे।
उन्होंने कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज से बंगाली साहित्य की पढ़ाई की थी और बंगाली (ऑनर्स) में BA की डिग्री ली थी।
वह बाद में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPIM) से जुड़ गए थे। वे CPIM के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी रह चुके थे। बंगाल में उन्हें औद्योगिक क्रांति के लिए जानते हैं।
जानकारी
ज्योति बसु ने भी दान दिया था शरीर
बुद्धदेव भट्टाचार्य से पहले पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने भी 4 अप्रैल, 2003 को मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद अपना शरीर गणदर्पण को मेडिकल शोध के लिए दान में दे दिया था। उनके निधन के बाद उनकी आंखे भी दान की गई थीं।