जम्मू-कश्मीर: 'द कश्मीरवाला' के मुख्य संपादक गिरफ्तार, राष्ट्र विरोधी पोस्ट करने का आरोप
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को फहाद शाह नामक पत्रकार को गिरफ्तार किया है।
उन पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों का महिमामंडन करने, देश के खिलाफ असंतोष बढ़ाने और कानूनी एजेंसियों की छवि खराब करने का आरोप है।
शाह ऑनलाइन समाचार पत्रिका 'द कश्मीर वाला' के मुख्य संपादक हैं। 2011 में शुरू हुई यह पत्रिका जम्मू-कश्मीर से समाचार और दूसरे मुद्दों पर रिपोर्ट करती है।
आइये पूरी खबर जानते हैं।
बयान
रिमांड पर भेजे गए शाह
पुलवामा पुलिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कुछ फेसबुक यूजर्स और पोर्टल्स राष्ट्र विरोधी कंटेट अपलोड कर रहे हैं। इनमें ऐसी तस्वीरें और वीडियो शामिल हैं, जिन्हें आपराधिक मंशा के साथ लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है। यह कंटेट लोगों को भड़काकर कानून-व्यवस्था को बिगाड़ सकता है।
पुलिस ने बताया जांच के दौरान शाह को गिरफ्तार किया गया और उन्हें रिमांड पर भेजा गया है।
गिरफ्तारी
पिछले कुछ दिनों से चल रही थी पूछताछ
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस ने 1 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया। शुक्रवार को दोबारा उन्हें बयान दर्ज करने के लिए पुलवामा पुलिस थाने में बुलाया गया और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस दावा कर रही है कि उनके पोस्ट आतंकवादियों और आतंकी गतिविधियों को 'नायक' के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे थे। इससे कानून-व्यवस्था के सामने चुनौती बढ़ती जा रही थी।
प्रतिक्रिया
महबूबा मुफ्ती ने की गिरफ्तारी की आलोचना
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने फहाद शाह की गिरफ्तारी की आलोचना की है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि सच्चाई के लिए खड़ा होना राष्ट्र विरोधी बताया जा रहा है। एक असहिष्णु और सत्तावादी सरकार को आईना दिखाना भी राष्ट्र विरोध है। फहाद का काम बोलता है और यह भारत सरकार के लिए अनुपयुक्त जमीनी हकीकत को दिखाता है। आप कितने फहाद को गिरफ्तार करेंगे?
जानकारी
ट्रेनी पत्रकार की भी हुई थी गिरफ्तारी
पिछले महीने पुलिस ने 'द कश्मीरवाला' के साथ ट्रेनिंग कर रहे सजाद गुल को गिरफ्तार किया था। उन पर लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने और दुश्मनी बढ़ाने वाले ट्वीट करने का आरोप लगा है। उन्हें पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है।
भारत में प्रेस की आजादी
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
पिछले साल रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्डर्स की तरफ से जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में 142वें स्थान पर था।
रिपोर्ट में बताया गया था कि ब्राजील, मेक्सिको और रूस के साथ भारत पत्रकारिता के लिए सबसे खराब देश है।
2020 में भी भारत 142वें स्थान पर रहा था, जबकि 2016 में 133वें पायदान पर था। यानी बीते कुछ सालों में भारत में प्रेस की स्वतंत्रता और कम हुई है।