सब चंगा सी? कश्मीर में विकास की बात को लेकर महबूबा मुफ्ती का केंद्र पर निशाना
हिरासत में बंद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र को जम्मू-कश्मीर में विकास के बारे में बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है। महबूबा मुफ्ती की बेटी ने शुक्रवार को उनके हवाले से ट्वीट करते हुए लिखा कि अर्थव्यवस्था मंदी की कगार पर है। सब चंगा सी? बता दें, केंद्र सरकार लगातार कह रही है कि विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद कश्मीर में विकास की बयार बहेगी।
अमित शाह ने गुरुवार को कही थी यह बात
दरअसल, गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर अगले दशक में विकास के मामले में देश का नेतृत्व करेगा। नई दिल्ली से कटरा के बीच चली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाते हुए शाह ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर को प्रधानमंत्री मोदी का गिफ्ट है जो इलाके में विकास और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद राज्य में आतंकवाद का खात्मा होगा।
केंद्र को जम्मू-कश्मीर में विकास की बात का अधिकार नहीं- महबूबा
गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान के एक दिन बाद महबूबा मुफ्ती ने के ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया कि अर्थव्यवस्था डूबने वाली है। सब चंगा सी? देश को आर्थिक संकट में धकेलने वाली सरकार को जम्मू-कश्मीर में विकास की बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है। बता दें, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती 5 अगस्त से हिरासत में बंद है। 20 सितंबर से उनकी बेटी इल्तिजा उनका ट्विटर अकाउंट हैंडल कर रही हैं।
महबूबा ने पूछा- सब चंगा सी?
हाउडी मोदी के जवाब में मोदी ने कहा था- सब चंगा सी
सितंबर में अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। हाउडी का मतलब 'कैसे हो' होता है। इस कार्यक्रम में अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने 'हाउडी मोदी' के जवाब में कहा कि भारत में सब कुछ अच्छा है। प्रधानमंत्री मोदी ने हिन्दी, पंजाबी, बंगाली, गुजराती सहित कई भाषाओं में बोलते हुए कहा था कि भारत में सब कुछ अच्छा है। पंजाबी में बोलते हुए मोदी ने कहा था, "सब चंगा सी।"
एक-एक कर रिहा किए जाएंगे हिरासत में बंद नेता
केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 में बदलाव के फैसले को देखते हुए हिरासत में लिए गए कश्मीर के नेताओं को एक-एक कर रिहा किया जाएगा। रिहा करने से पहले उनसे होने वाले खतरे की समीक्षा की जाएगी। बता दें कि हाल ही में जम्मू क्षेत्र के नेताओं को हिरासत से रिहा किया गया था। राज्य में 24 अक्तूबर को ब्लॉक डेवलेपमेंट काउंसिल (BDC) चुनाव होने हैं। उससे पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इन नेताओं को रिहा किया था।
रिहाई का समय तय नहीं
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार फारूक खान ने गुरुवार को ये जानकारी देते हुए बताया कि बताया कि कश्मीरी नेताओं को एक-एक करके और हर व्यक्ति की समीक्षा के बाद रिहा किया जाएगा। इन नेताओं को कब रिहा किया जाएगा, इस पर खान ने कुछ साफ नहीं किया। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इन कश्मीरी नेताओं को रिहाई के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 400 नेता फिलहाल हिरासत में बंद है।