क्या मोदी को 'डिवाइडर इन चीफ' कहने के लिए रद्द हुई पत्रकार की ओवरसीज भारतीय नागरिकता?
'टाइम मैगजीन' के लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'डिवाइडर इन चीफ' कहने वाले भारतीय मूल के ब्रिटिश पत्रकार आतिश तासीर का ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड रद्द किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि आतिश ने अपने पिता के पाकिस्तानी होने की जानकारी छुपाई थी, जबकि आतिश का कहना है कि उन पर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करने और उसके खिलाफ लेख लिखने के लिए कार्रवाई की गई है।
कौन हैं आतिश तासीर?
आतिश तासीर भारत की जानी-मानी पत्रकार तवलीन सिंह और पाकिस्तान के उदारवादी नेता रहे सलमान तासीर के बेटे हैं। सलमान तासीर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर थे। ईशनिंदा के मामले की आरोपी एक ईसाई महिला का बचाव करने के लिए उनके ही सुरक्षाकर्मी ने 2011 में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। आतिश का जन्म ब्रिटेन में हुआ था। कई किताबें लिख चुके हैं आतिश 'टाइम मैगजीन' जैसी बड़ी पत्रिकाओं में भी लिखते रहते हैं।
तवलीन ने अकेले किया आतिश का पालन-पोषण
आतिश का पालन-पोषण उनकी मां तवलीन ने ही किया है और वह 21 साल के होने तक अपने पिता से मिले भी नहीं थे। उन्होंने अपने किताब 'स्ट्रेंजर टू हिस्ट्री' में उन्होंने विस्तार से बताया भी है कि कैसे उनकी मां ने अकेले उनका पालन-पोषण किया। 1982 में एक एफिडेविट के जरिए तवलीन आतिश की इकलौती अभिभावक होने की बात भी कह चुकी हैं। इसी आधार पर आतिश को 1999 में PIO कार्ड और 2016 में OCI कार्ड मिला था।
क्या होता है OCI कार्ड?
OCI कार्ड भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को दिया जाता है। इन कार्डधारकों को भारत आने, यहां रहने और काम करने का अधिकार होता है। हालांकि, उन्हें वोट देने और संवैधानिक पद प्राप्त करने जैसे अन्य अधिकार नहीं दिए जाते।
पिता की जानकारी नहीं देने के लिए गृह मंत्रालय ने रद्द किया कार्ड
अब गृह मंत्रालय ने आतिश के इस OCI कार्ड को खत्म कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि आतिश ने अपने पिता के पाकिस्तानी होने की बात छिपाई थी और मंत्रालय के कई नोटिसों को जबाव भी नहीं दिया। मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, "आतिश तासीर को उनके PIO/OCI को लेकर जबाव दाखिल करने का मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए वह नागरिकता कानून, 1955 के तहत OCI कार्ड के लिए अयोग्य हो जाते हैं।"
आतिश बोले, जबाव देने के लिए मिले बस 24 घंटे
वहीं आतिश ने का कहना है कि उन्हें नोटिस जबाव देने के लिए महज 24 घंटे का समय मिला था। 'टाइम मैगजीन' में लेख लिखते हुए आतिश ने बताया है, "सितंबर 2019 में मेरी मां ने मुझे वॉट्सऐप मैसेज में मेरे OCI स्टेटस को लेकर सरकार का लेटर भेजा था। इस लेटर का जवाब देने के लिए 21 दिनों का वक्त था, लेकिन यह मुझे 20वें दिन मिला। महज एक दिन का ही समय बचा था।"
आतिश ने भेजा था इंडियन कौंसुल जनरल को ईमेल
आतिश ने लिखा है कि अगर वो नोटिस का जबाव नहीं देते तो उनका OCI दर्जा खत्म हो जाता, इसलिए उन्होंने तुरंत न्यूयॉर्क स्थित इंडियन कौंसुल जनरल को ईमेल भेजा। अपने एक ट्वीट में उन्होंने अपने इस ईमेल की तस्वीर भी डाली है।
"भारत मेरा देश है, क्यों किया जा रहा देश निकाला?"
अपने लेख में आतिश ने भारत के साथ संबंधों पर लिखा है, "भारत मेरा देश है। ये रिश्ता इतना स्वभाविक है कि एक अलिखित संविधान की तरह मुझे अब से पहले इसे स्पष्ट करने की जरूरत नहीं पड़ी।" सरकार से सवाल करते उन्होंने पूछा है कि वह एक भारतीय हैं और उनका 'देश निकाला' क्यों किया जा रहा है। आतिश ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना के लिए उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है।
टाइम मैगजीन के मई अंक में आतिश ने की थी मोदी की आलोचना
बता दें कि आतिश ने अमेरिकी की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन के मई अंक में प्रधानमंत्री मोदी को लेकर लेख लिखा था, जिसे मैगजीन का कवर भी बनाया गया था। इस लेख के शीर्षक में प्रधानमंत्री मोदी को 'डिवाइडर इन चीफ' कहा गया था। इस लेख को लेकर काफी विवाद हुआ था और आतिश भाजपा नेताओं और समर्थकों के निशाने पर आ गए थे। अब माना जा रहा है कि इसी कारण उनका OCI कार्ड रद्द किया गया है।