अयोध्या फैसले से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और DGP से मिलेंगे CJI गोगोई
अयोध्या विवादित भूमि मामले में फैसला सुनाने से पहले मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। बतौर रिपोर्ट्स, CJI गोगोई उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और DGP ओम प्रकाश सिंह के साथ मिलकर राज्य की कानून-व्यवस्था के बारे में बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक और सांप्रदायिक लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण मामलों में एक अयोध्या विवादित भूमि मामले में 17 नवंबर से पहले फैसला सुना सकती है।
योगी आदित्यनाथ ने भी की बैठक
सूत्रों के मुताबिक, CJI इन अधिकारियों से मिलकर फैसला आने से पहले उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। वो ये भी सुनिश्चित करेंगे कि फैसला आने के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा न हो। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस अफसरों, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ बैठक की थी। आदित्यनाथ ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए लखनऊ और अयोध्या में हेलिकॉप्टर स्टैंडबाय पर रखे जाएंगे।
अगले सप्ताह आ सकता है फैसला
सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की है। अगले हफ्ते इस मामले में फैसला आ सकता है। अभी तक फैसले की तारीख तय नहीं है, लेकिन यह फैसला 13, 14 या 15 नवंबर को फैसला आ सकता है।
फैसले से पहले अयोध्या में सुरक्षा कड़ी
अयोध्या जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की घड़ी करीब आती जा रही है। इस बीच सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह चाक-चौबंद है और उसने चार स्तरीय सुरक्षा योजना बनाई है। इसमें से अगर एक तरीका असफल रहता है तो दूसरे को अपनाया जाएगा। अयोध्या में 12,000 पुलिसवालों को तैनात कर दिया गया है और अगले हफ्ते और बल भेजे जाएंगे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
अयोध्या को चार जोन में बांटा गया
सुरक्षा इंतजामों के तहत अयोध्या जिले को चार जोन, रेड, येलो, ग्रीन और ब्लू, में बांटा गया है। रेड जोन में विवादित जमीन आती है, जबकि येलो जोन में विवादित जमीन से 5 किलोमीटर दूर तक का इलाका आता है। ग्रीन जोन में 14 किलोमीटर तक का इलाका आता है, जबकि ब्लू जोन में अयोध्या के आसपास के जिले शामिल हैं। संवदेनशील रेड और येलो जोन में सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के पास होगा।
सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए बनाई गई विशेष टीम
जमीन पर कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है जो पिछले कुछ समय में अफवाह और हिंसा फैलाने का एक बड़ा जरिया बनकर उभरा है। इसके लिए एक विशेष टीम भी बनाई गई है जिसका नेतृत्व साइबर क्राइम के IG अशोक कुमार सिंह कर रहे हैं। पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैसले के खिलाफ या समर्थन में जश्न मनाने वाले पोस्ट या मैसेज भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जमीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 16,000 स्वयंसेवकों की टीम
इसके अलावा जमीनी स्थिति और सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए अयोध्या पुलिस ने 16,000 स्वयंसेवकों की एक टीम भी बनाई है जिन्हें एक मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए जोड़ा गया है। ये टीम 1,600 गांव में काम करेगी और हर गांव से 10 स्वयंसेवक हैं। ये स्वयंसेवक जमीनी गतिविधियों पर नजर रखेंगे और फैसले से पहले या बाद में माहौल खराब करने की किसी भी कोशिश के बारे में पुलिस को बताएंगे।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने को कहा
इस बीच केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फैसले से पहले और बाद में सतर्क रहने को कहा है और गृह मंत्रालय ने उन्हें एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया, "सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी भेजी गई है जिसमें उनसे सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बल तैनात करने और कोई भी अप्रिय घटना न हो, ये सुनिश्चित करने को कहा गया है।"