दिल्ली: छात्रों की रिहाई के बाद थमा प्रदर्शन, 5 जनवरी तक बंद रहेगी जामिया मिलिया इस्लामिया
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ रविवार को दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में हुआ बवाल फिलहाल थम गया है। रविवार को दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ बल प्रयोग किया और कई छात्रों को हिरासत में ले लिया था। इसके विरोध में जामिया के छात्रों के अलावा हजारों लोगों ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर रातभर प्रदर्शन किया। पुलिस ने सोमवार तड़के तीन बजे 50 छात्रों को रिहा कर दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी वापस लौट गए।
कहां से शुरू हुआ था मामला?
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार को दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने भी इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में छात्रों के अलावा बाहरी लोग भी शामिल थे। इसी दौरान लोग हिंसा और आगजनी पर उतर आए। कुछ अज्ञात लोगों ने DTC की तीन बसों को आग के हवाले कर दिया और वहां खड़े वाहनों में तोड़फोड़ की। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
पुलिस ने हिंसक हो प्रदर्शन से लोगों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे वीडियो शेयर हो रहे हैं, जिनमें पुलिस द्वारा गोली चलाने और उससे छात्रों के घायल होने की खबरें आ रही हैं। हालांकि, इन वीडियो की पुष्टि नहीं हो सकी है और पुलिस भी गोली चलाने की बात से इनकार कर रही है। हिंसक झड़पों में कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी खबरें हैं।
पुलिस मुख्यालय के बाहर जमे प्रदर्शनकारी
छात्रों का आरोप- पुलिस ने अपराधियों जैसा सलूक किया
प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के बहाने दिल्ली पुलिस जामिया यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुस गई। पुलिस ने कथित तौर पर हिंसा में शामिल कई छात्रों को गिरफ्तार किया। वहीं छात्रों का आरोप है कि पुलिस यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में घुस गई और आंसू गैस के गोले छोड़े। छात्रों का कहना है कि पुलिस ने उनके साथ अपराधियों जैसा सलूक किया और उन्होंने छिपकर अपनी जान बचाई। पुलिस के साथ छात्र हॉस्टल से हाथ ऊपर कर बाहर आते देखे गए।
"बिना इजाजत कैंपस में घुसी पुलिस"
पुलिस के यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसने पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस बिना इजाजत के कैंपस में घुसी और छात्रों और कर्मचारियों के साथ मारपीट की।
छात्रों को मिला वाइस चांसलर का साथ
प्रदर्शन कर रहे छात्रों को यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर नजमा अख्तर का साथ मिला है। उन्होंने वीडियो मैसेज जारी कर कहा, "जिस तरीके से मेरे छात्रों के साथ पेश आया गया है, उससे मैं दुखी हूं। मैं मेरे छात्रों को बताना चाहती हूं कि वे इस लड़ाई में अकेले नहीं हैं। मैं उनके साथ हूं। मैं इस मामले को जहां तक होगा आगे लेकर जाऊंगी।" उन्होंने छात्रों के साथ की गई पुलिस की ज्यादती की निंदा की है।
रातभर पुलिस मुख्यालय के बाहर डटे रहे छात्र
विरोध कर रहे छात्रों से निपटने के तरीके और कुछ छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में लोग दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर एकजुट हो गए। जामिया के छात्रों से एकजुटता दिखाते हुए JNU और DU के छात्र भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। छात्रों के अलावा कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, CPI नेता डी राजा और CPM नेता वृंदा करात भी पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा हुए। रातभर प्रदर्शन के बाद पुलिस ने सुबह छात्रों को रिहा किया।
जामिया यूनिवर्सिटी से घर लौटने लगे छात्र
जामिया के समर्थन में आए देशभर के छात्र
जामिया के छात्रों के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट का देशभर के छात्रों ने विरोध किया है। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जाधवपुर यूनिवर्सिटी, मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी हैदराबाद, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) समेत कई शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने जामिया के छात्रों के साथ हुई मारपीट की निंदा की है। छात्रों ने पुलिस कार्रवाई को लोकतंत्र पर आक्रमण बताया है।