पूर्वोत्तर में प्रदर्शनों को देखते हुए अमेरिका, इंग्लैंड ने अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवायजरी
असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में नए नागरिकता कानून के खिलाफ उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। छात्रों से लेकर आम लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इसे देखते हुए अमेरिका और इंग्लैंड ने इन इलाकों में किसी भी मकसद से यात्रा कर रहे अपने नागरिकों को सावधानी बरतने की एडवायजरी जारी की है। दोनों देशों ने शुक्रवार को यह एडवायजरी जारी की थी। इसमें कई इलाकों में लागू कर्फ्यू का भी जिक्र किया गया है।
क्या है नया नागरिकता कानून?
शुक्रवार को समाप्त हुए शीतकालीन सत्र में संसद ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित किया था। इसके बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिलते ही यह कानून बन गया। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर भारत आए गैर-मुस्लिमों को आसानी से नागरिकता मिलने का प्रावधान किया गया है। पूर्वोत्तर राज्यों समेत भारत के अधिकतर हिस्सों में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। देश की कई प्रमुख यूनिवर्सिटी के छात्र इसका विरोध कर रहे हैं।
असम में बिल का भारी विरोध क्यों?
असम में इस कानून का विरोध कर रहे लोगों की चिंताएं 1985 में हुए असम समझौते को लेकर है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि नया कानून बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देता है। दरअसल, असम के नागरिक बड़ी संख्या मे बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों को लेकर चिंतित है। उनका कहना है कि शरणार्थियों की वजह से उनकी भाषा और संस्कृति को खतरा है। प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन के बाद भी लोग विरोध प्रदर्शनों में जुटे हुए हैं।
अमेरिका, इंग्लैंड ने अपनी एडवायजरी में क्या कहा?
अमेरिका और इंग्लैंड ने अपनी एडवायजरी में असम और दूसरे क्षेत्रों से सामने आ रही तस्वीरों को जगह दी है। इंग्लैंड की एडवायजरी में कहा गया है, "गुवाहाटी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है और असम के 10 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है।" इसमें कहा गया है कि यात्रा कर ब्रिटिश नागरिक स्थानीय समाचारों पर नजर रखे और यात्रा के लिए अधिक समय निकाले। अमेरिका ने भी अपने नागरिकों के लिए ऐसी ही एडवायजरी जारी की है।
इजरायल और फ्रांस ने नागरिकों को दी सलाह
अमेरिका और इंग्लैंड के अलावा फ्रांस ने भी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा कर रहे नागरिकों को विरोध प्रदर्शनों और हवाई यातायात के प्रभावित होने की जानकारी दी है। फ्रांस के नागरिकों को 'भीड़ से दूर रहने', स्थानीय समाचारों पर नजर रखने और प्रशासन के आदेश मानने की सलाह दी गई है। वहीं इजरायल ने अपने नागरिकों को पूर्वोत्तर की यात्रा न करने और यात्रा कर रहे लोगों को जल्द वापस लौटने की सलाह दी है।
DGP बोले- सामान्य हो रहे हैं हालात
पूर्वोत्तर के बाकी राज्यों की तुलना में असम में ज्यादा बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। गुरुवार को पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत भी हो गई थी। इसी बीच राज्य के DGP भास्कर ज्योति महंता ने दावा किया है कि हालात पहले से सामान्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह मुश्किल समय है, लेकिन हमारी टीमें डटी हुई हैं। हम शांति बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों को कर्फ्यू में ढील दी गई है।"