नेहरू परिवार के घर आनंद भवन को मिला 4.35 करोड़ रुपये के टैक्स का नोटिस
क्या है खबर?
प्रयागराज स्थित ऐतिहासिक आनंद भवन, स्वराज भवन और जवाहर प्लेनेटेरियम को प्रयागराज नगर निगम (PMC) ने 4.35 करोड़ रुपये के हाउस टैक्स का नोटिस थमाया है।
आनंद और स्वराज भवन नेहरू परिवार का पुश्तैनी घर था। स्वराज भवन में अब म्यूजियम चलता है जिसमें नेहरू परिवार की स्मृतियों को रखा गया है।
वहीं आनंद भवन को भी म्यूजियम के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी विभिन्न चीजों को रखा गया है।
रखरखाव
नेहरू मेमोरियल फंड करता है तीनों भवनों का रखरखाव
इन तीनों भवनों का रखरखाव जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड चैरिटेबल ट्रस्ट करता है। इस ट्रस्ट की अध्यक्षा सोनिया गांधी हैं।
PMC अधिकारियों ने नोटिस के बारे में बताते हुए कहा कि आनंद भवन और उससे जुड़ी इमारतों को व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में इन पर हाउस टैक्स लागू होता है।
अधिकारियों ने बताया कि आनंद भवन और इससे जुड़ी इमारतों का व्यवसायिक इमारतों के तौर पर सर्वे किया गया है।
बयान
रिपोर्ट के बाद आगामी कदम उठाएगा PMC
PMC के मुख्य टैक्स निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा ने बताया, "दो सप्ताह पहले हमने आनंद भवन, स्वराज भवन और जवाहर प्लेनेटेरियम को हाउस टैक्स नोटिस भेजा था। इसके जवाब में नेहरू मेमोरियल फंड के प्रशासनिक सचिव एन बालाकृष्णन का पत्र मिला है। इस पत्र को जोनल कार्यालय में भेजकर आदेश दिया गया है कि वो एक विस्तृत सर्वे कर कुल हाउस टैक्स की रिपोर्ट जमा करें। यह रिपोर्ट मिलने के आगे के कदम उठाए जाएंगे।"
जानकारी
प्रयागराज की मेयर से टैक्स की समीक्षा की मांग
प्रयागराज की मेयर अभिलाषा गुप्ता ने कहा कि उन्हें दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल फंड से एक पत्र मिला है, जिसमें ऐतिहासिक आनंद भवन और दूसरी इमारतों पर लगाए गए हाउस टैक्स की समीक्षा करने को कहा गया है।
खंडन
ट्रस्ट ने नकारी व्यावसायिक गतिविधियों की बात
नेहरू मेमोरियल फंड के बालाकृष्णन ने कहा कि 2003-04 में ट्रस्ट को 3,000 रुपये का बिल मिला था, जिसे चुका दिया गया था। इससे अगले साल 24.67 लाख का बिल ट्र्स्ट को मिला था। उसके बाद 2013-14 तक हर साल 12.34 लाख रुपये टैक्स का बिल भेजा जाता था। 2014-15 में बिल घटकर 8.27 लाख हो गया।
बालाकृष्ण ने कहा कि यह फंड चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से चलाया जाता है और किसी व्यावसायिक गतिविधि में शामिल नही हैं।
जानकारी
ट्रस्ट ने कहा- सही तरीके से नहीं हुआ सर्वे
बालाकृष्णन ने पत्र में कहा कि पिछले चार दशकों में इन भवनों में कोई नया निर्माण कार्य नहीं किया गया है। इसके बावजूद हाउस टैक्स में बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि इस इमारत के हाउस टैक्स का सही निर्धारण नहीं किया गया है।