प्रशांत किशोर से पार्टी छोड़ने को कहा गया, अब केजरीवाल के साथ करेंगे काम
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) में मतभेद जारी है। पार्टी के उप-प्रमुख प्रशांत किशोर इस कानून को लेकर पार्टी के मत के खिलाफ है। इसे लेकर पार्टी के कई नेता उनके विरोध में उतर आए हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर प्रशांत को इतनी परेशानी है तो वे पार्टी को छोड़ सकते हैं। वहीं शनिवार को खबर आई कि प्रशांत किशोर की कसंल्टिंग कंपनी केजरीवाल के साथ काम करेगी।
केजरीवाल ने दी जानकारी
शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी दी की प्रशांत किशोर की कंसल्टिंग कंपनी I-PAC दिल्ली विधानसभा चुनावों में उनके लिए काम करेगी। केजरीवाल ने लिखा, 'यह जानकारी देते हुए खुशी हो रही है कि I-PAC हमारे साथ जुड़ी है। आप का स्वागत है।' उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केजरीवाल के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा है, अबकी बार 67 पार। इससे पता चलता है कि पार्टी प्रशांत के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं।
'अबकी बार 67 पार'
भाजपा को लोकसभा चुनाव जीताने में प्रशांत ने निभाई थी अहम भूमिका
I-PAC (इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी) प्रशांत किशोर की संस्था है, जो चुनाव प्रबंधन का काम करती है। प्रशांत किशोर 2014 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाकर चर्चा में आए थे। इन चुनावों में उन्होंने 'चाय पर चर्चा' का कॉन्सेप्ट शुरू किया था, जो काफी मशहूर हुआ। भाजपा के अलावा प्रशांत कांग्रेस और YSR कांग्रेस के लिए भी काम कर चुके हैं। पंजाब चुनावों में I-PAC ने केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस के लिए काम किया था।
पार्टी से मतभेद के बीच मिलाया केजरीवाल से हाथ
प्रशांत किशोर ने केजरीवाल से ऐसे समय पर हाथ मिलाया है, जब उनकी अपनी पार्टी JD(U) से नागरिकता कानून को लेकर मतभेद चल रहे हैं। JD(U) ने संसद मे नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में वोट दिया था, जबकि प्रशांत किशोर इसके खिलाफ थे। इसे लेकर उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। गौरतलब है कि प्रशांत किशोर पिछले साल सितंबर में बतौर उपाध्यक्ष JD(U) में शामिल हुए थे।
पार्टी नेता बोले- अपना रास्ता चुने प्रशांत
प्रशांत की नाराजगी उनकी पार्टी को पसंद नहीं आ रही है। JD(U) के महासचिव आरसीपी सिंह ने पार्टी में प्रशांत किशोर के योगदान पर सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा, "उनके जैसे लोग सिफारिश से पार्टी में आते हैं। अगर उन्हें पार्टी की नीतियां पसंद नहीं हैं तो वो अपना रास्ता चुन सकते हैं। केवल ट्वीट करने से कुछ नहीं होगा।" सिंह ने कहा कि पार्टी ने नीतीश कुमार को अपना अध्यक्ष चुना है फिलहाल पार्टी में कोई उपाध्यक्ष नहीं है।