LOADING...
कर्नाटक: हिजाब के बाद अब हलाल मीट पर विवाद, दक्षिणपंथी संगठनों ने की बहिष्कार की अपील
कर्नाटक: हिजाब के बाद अब हलाल मीट पर विवाद (तस्वीर- रॉयटर्स)

कर्नाटक: हिजाब के बाद अब हलाल मीट पर विवाद, दक्षिणपंथी संगठनों ने की बहिष्कार की अपील

Apr 01, 2022
05:58 pm

क्या है खबर?

हिजाब विवाद के बाद अब कर्नाटक में हलाल मीट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले कुछ दिन से दक्षिणपंथी संगठन इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और हिंदुओं से हलाल मीट न खरीदने की अपील की है। इन संगठनों ने हलाल मीट को लेकर कुछ जगहों पर दुकानदारों और होटलों पर हमला भी किया है। राज्य सरकार ने भी इस हिंसा का संज्ञान न लेते हुए हलाल मीट के खिलाफ आपत्तियों पर गौर करने की बात कही है।

हमले

कहां-कहां हुए हमले?

बुधवार को हलाल मीट पर प्रतिबंध की मांग करते हुए बजरंग दल के कार्यकर्ता शिवमोगा के एक होटल में घुस गए और यहां पर मौजूद एक मुस्लिम कर्मचारी के साथ मारपीट की। अगले दिन शिवमोगा में ही बजरंग दल ने हलाल प्रोडक्ट बेचने के लिए एक होटल व्यवसायी के साथ गाली-गलौज की और दखल देने पर एक ग्राहक को पीटा। बेंगलुरू के एक बाजार में भी दो दक्षिणपंथी नेताओं ने हलाल मीट के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पर्चे बांटे।

अभियान

एक हफ्ते पहले शुरू हुआ था हलाल मीट के खिलाफ अभियान

हलाल मीट के खिलाफ दक्षिणपंथी संगठनों का ये अभियान लगभग एक हफ्ते पहले शुरू हुआ था। इसकी शुरूआत ऑनलाइन की गई और हिंदू जनजागृति समिति, श्रीराम सेना और बजरंग दल जैसे संगठनों के शामिल होने के बाद इसने तीव्रता पकड़ी। श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुथालिक ने आरोप लगाया है कि हलाल मीट की बिक्री से मिलने वाले पैसे का उपयोग जेल में बंद आतंकवादियों को जमानत दिलाने के लिए किया जाता है।

कन्नड़ नव वर्ष

कन्नड़ नव वर्ष से संबंधित भी है विवाद

हलाल मीट के बहिष्कार का ये अभियान ऐसे समय पर चलाया जा रहा है जब 2 अप्रैल से कन्नड़ नव वर्ष 'उगादी' शुरू हो रहा है। इसके एक दिन बाद कई हिंदू परंपरा के तहत मीट खाते हैं। इस परंपरा को वर्षादा तोड़ाकु कहा जाता है। दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि उन्होंने हिंदुओं से वर्षादा तोड़ाकु पर हलाल मीट न खरीदने को कहा है क्योंकि इसके लिए इस्लामी रवायतें अपनाई जाती हैं।

सरकार का रुख

सरकार ने मामले पर क्या कहा?

राज्य की भाजपा सरकार ने हलाल मीट के खिलाफ चल रहे अभियानों का संज्ञान लेते हुए कहा है कि वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकती, जब तक कि कानून-व्यवस्था की कोई समस्या पैदा न हो। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कहा कि वह हलील मीट के खिलाफ गंभीर आपत्तियों पर गौर करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और चिकमगलूर से विधायक सीटी रवि ने तो हलाल मीट को आर्थिक जिहाद करार दे दिया है।

जानकारी

क्या होता है हलाल मीट?

हलाल मीट में जानवर के सिर को धड़ से पूरी तरह अलग नहीं किया जाता और केवल नस काटी जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उसके अंदर का सारा खून निकल जाए। इस्लाम में खून वाले मांस को हराम बताया गया है।