चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारतीय सैनिकों ने बंदूकें इस्तेमाल क्यों नहीं की?
क्या है खबर?
लद्दाख स्थित गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई सवाल खड़े किए हैं।
इस पर गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनके सभी जवाबों का जवाब देते हुए स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि घटना के दौरान भारतीय सैनिकों के पास हथियार थे, लेकिन समझौते के कारण उनका इस्तेमाल नहीं किया।
घटना
चीनी सेना से हुई झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिक
पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 सैनिकों शहीद हो गए थे। इसमें चीन के भी 43 सैनिकों की जान जाने की खबरें हैं।
यह हिंसक झड़प उस समय शुरू हुई जब भारतीय सैनिक भारतीय सीमा की तरफ चीनी सैनिकों द्वारा लगाए टेंट को हटाने गए थे।
उस दौरान चीनी सैनिकों ने पत्थर, कंटीली रॉड और तारों से हमला कर दिया था। चट्टान टूटने से कुछ सैनिक नदी में गिर गए थे।
सवाल
सैनिकों के निहत्थे होने का दावा कर रहे हैं राहुल गांधी
घटना को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट कर सवाल किया है कि चीन ने हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या की हिम्मत कैसे की?
उन्होंने आगे लिखा, 'हमारे सैनिकों को शहादत के लिए निहत्था क्यों भेजा गया?'
बता दें कि राहुल गांधी ने इन दोनों सवालों में 'निहत्थे' शब्द पर खास जोर दिया है।
इसके अलावा उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो मेसेज भी ट्वीट किया था, जिसमें भी वह यही सवाल पूछते नजर आ रहे हैं।
निशाना
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी साधा था निशाना
राहुल ने बुधवार को भी एक ट्वीट किया था। इसमें सीधे प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए उनसे गलवान घाटी की घटना पर जवाब मांगा था।
राहुल ने कहा था, 'मोदी चुप क्यों हैं? इस मामले को वे छिपा क्यों रहे हैं? अब बहुत हो चुका, हमें पता चलना चाहिए कि आखिर हुआ क्या था? राहुल ने कहा कि चीन हमारे सैनिकों को मारने की हिम्मत कैसे कर सकता है?'
उन्होंने एक ट्वीट में राजनाथ सिंह को भी टैग किया था।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें राहुल गांधी का वीडियो मैसेज
कौन ज़िम्मेदार है? pic.twitter.com/UsRSWV6mKs
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 18, 2020
जवाब
समझौते के कारण नहीं चलाई गोलियां- विदेश मंत्री
राहुल गांधी के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, 'हमें तथ्यों को ठीक से समझ लेना चाहिए। बॉर्डर ड्यूटी पर लगे सभी सैनिक हमेशा हथियार के साथ होते हैं, खासकर पोस्ट से निकलते वक्त। 15 जून को गलवान में ड्यूटी पर तैनात सैनिकों के पास भी हथियार थे।'
उन्होंने लिखा, '1996 और 2005 के भारत-चीन समझौते के तहत लंबे समय से परंपरा रही है कि फेस-ऑफ में जवान फायरआर्म्स का इस्तेमाल नहीं करते हैं।'
समझौता
दोनों देशों के बीच यह हुआ था समझौता
बता दें कि दोनों देशों के बीच साल 1996 में सैनिकों के आत्म सयंम बरतने को लेकर एक समझौता किया गया था। भारत की ओर से उस समझौते पर तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने हस्ताक्षर किए थे।
इसमें यह भी कहा गया था कि दोनों देशों के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के दो किलोमीटर के दायरे में बंदूक या विस्फोटकों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। स्थिति बिगड़ने पर दोनों देश बाचतीत के जरिए मामला सुलझाएंगे।
जानकारी
अब कोई भी सैनिक लापता नहीं- भारतीय सेना
गुरुवार को भारतीय सेना ने यह भी स्पष्ट किया है कि गलवान में अब कोई भी भारतीय सैनिक लापता नहीं है। ड्यूटी पर गए सभी जवाब अपनी यूनिट में हैं और घायलों का उपचार चल रहा है। शहीदों के पार्थिव देह भिजवा दिए गए हैं।