किसान आंदोलन: क्या है टूलकिट मामला जिसमें पुलिस ने बेंगलुरू की छात्रा को बताया मुख्य साजिशकर्ता?
किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट मामले में गिरफ्तार की गई बेंगलुरू की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने मामले की एक मुख्य साजिशकर्ता बताया है। पुलिस ने कहा है कि 22 वर्षीय छात्रा मामले में एक खालिस्तानी संगठन के साथ मिलकर काम कर रही थी और उसी ने स्वीडन की जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के साथ इसे शेयर किया था। ये पूरा मामला क्या है और दिशा पर क्या आरोप हैं, आइए आपको विस्तारपूर्वक बताते हैं।
ग्रेटा थनबर्ग ने 3 फरवरी को साझा की थी टूलकिट
दुनियाभर में प्रसिद्ध जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने 3 फरवरी को भारत में हो रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने के बाद इससे संबंधित एक टूलकिट भी साझा की थी। इसमें लोगों को किसान आंदोलन के कारणों के बारे में बताया गया था और उन्हें भारी संख्या में किसान आंदोलन में शामिल होने और इससे जुड़े फोटो-वीडियो शेयर करने को कहा गया था। इसके अलावा इसमें भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन का अनुरोध भी किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने 4 फरवरी को दर्ज की FIR
दिल्ली पुलिस ने इस टूलकिट को "भारत को बदनाम" करने की साजिश बताते हुए 4 फरवरी को टूलकिट बनाने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने कहा था कि टूलकिट में 26 जनवरी के आसपास डिजिटल स्ट्राइक की बात कही गई थी और इससे ऐसा लगता है कि गणतंत्र दिवस को जो हुआ वह सब कुछ पहले से निर्धारित था। पुलिस ने इसे भारत के खिलाफ आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय युद्ध छेड़ने की साजिश बताया था।
पुलिस ने खालिस्तानी सगंठन को बताया था मुख्य साजिशकर्ता
दिल्ली पुलिस ने अपनी शुरूआत जांच के बाद टूलकिट बनाने में खालिस्तानी तत्वों का हाथ होने की बात भी कही थी और कनाडा के 'पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन' नामक खालिस्तानी संगठन पर इस टूलकिट को बनाने का आरोप लगाया था।
दिशा पर पुलिस ने क्या आरोप लगाए हैं?
शनिवार शाम मामले में पहली गिरफ्तारी करते हुए दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरू से दिशा रवि को गिरफ्तार किया और आज उसे पटियाला कोर्ट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। कोर्ट की सुनवाई के बाद बयान जारी करते हुए पुलिस ने कहा, "दिशा रवि टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट की एक एडिटर है और डॉक्यूमेंट को बनाने और इसे फैलाने में एक मुख्य साजिशकर्ता है।"
पुलिस का आरोप- दिशा ने की टूलकिट का मसौदा तैयार करने में मदद
पुलिस ने आगे कहा, "उसने (दिशा) व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया और टूलकिट बनाने में सहयोग किया। उसने डॉक्यूमेंट का मसौदा तैयार करने के लिए उनके साथ करीबी से काम किया। इस प्रक्रिया में भारतीय राष्ट्र के खिलाफ असंतोष फैलाने के लिए उन सभी ने खालिस्तानी समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ गठबंधन किया। उसी ने ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट डॉक्यूमेंट शेयर किया था। बाद में इसकी आपत्तिजनक जानकारियां सार्वजनिक होने के बाद उसने ग्रेटा से इसे डिलीट करने को कहा।"
दिशा ने अपने बचाव में क्या कहा?
सुनवाई के दौरान अपने पक्ष में दिशा ने कहा, "मैंने टूलकिट नहीं बनाई। हम किसानों का समर्थन करना चाहते थे। मैंने 3 फरवरी को बस दो लाइन एडिट कीं।" वहीं पुलिस ने कहा कि उसने दो लाइन से कई गुना अधिक एडिटिंग की है।
कौन हैं दिशा रवि?
दिशा रवि बेंगलुरू के प्रसिद्ध गर्ल्स कॉलेज माउंट की छात्रा हैं और 'फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया' की संस्थापकों में से एक हैं। फ्राइडेज फॉर फ्यूचर स्कूली छात्रों का एक चर्चित अभियान है जिसमें वह शुक्रवार को स्कूल छोड़कर जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करते हैं और राजनेताओं से इसे रोकने के लिए कदम उठाने की मांग करते हैं। 2018 में ग्रेटा थनबर्ग के स्वीडन की संसद के सामने प्रदर्शन करने के बाद ये अभियान सुर्खियों में आया था।