जम्मू-कश्मीर: राज्यपाल सत्यपाल मलिक का विवादित बयान, आतंकवादियों से कहा- कश्मीर को लूटने वालों को मारो
रविवार को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने ऐसा बयान दिया, जो बड़े विवाद का केंद्र बन गया है। मलिक ने कहा था कि आतंकवादियों को पुलिसकर्मियों और निर्दोष लोगों की बजाय उन लोगों को मारना चाहिए, जिन्होंने कश्मीर को लूटा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर किसी भी नेता या नौकरशाह की हत्या होती है, तो इसके लिए मलिक को जिम्मेदार माना जाना चाहिए।
करगिल में दिया विवादित बयान
रविवार को करगिल में करगिल-लद्दाख पर्यटन महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर मलिक ने कहा था कि आतंकवादियों को निर्दोष लोगों की बजाय भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों को मारना चाहिए। उन्होंने कहा था, "जिन बच्चों ने हथियार उठाया है वे अपने ही लोगों को मार रहे हैं। वे PSO और SPO को मार रहे हैं। आखिर उन्हें क्यों मार रहे हो? हत्या उसकी करो जिसने कश्मीर को लूटा है। क्या तुमने इसमें से किसी को मारा है?"
शुक्रवार को हुई थी PDP नेता के PSO की हत्या
बता दें कि शुक्रवार को अनंतनाग में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के नेता सज्जाद मुफ्ती के व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSO) फारूक अहमद रेशी की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इससे पहले भी कुछ PSO की हत्या हो चुकी है।
मलिक ने कहा, बंदूक से नहीं झुकती सरकारें
इस बीच मलिक ने कहा था कि आतंकवादी बिना किसी मतलब के अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने कहा था, "बंदूक से कभी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। श्रीलंका में लिट्टे जैसा संगठन, जोकि दुनिया में एक शक्तिशाली आतंकी संगठन था, भी खत्म हो गया। हिंदुस्तान में बंदूक से सरकार को कभी भी झुकाया नहीं जा सकता। सरकारों से ऐसे नहीं लड़ा जाता। बातचीत से तो सब कुछ हासिल किया जा सकता है।"
मलिक ने आतंकवादियों को 'बच्चे' कहकर किया संबोधित
मलिक ने बताया था कि कश्मीर में बस 250 आतंकवादी रह गए हैं और उन्हें 'बच्चा' कहकर संबोधित किया था। उन्होंने कहा था, "ऐसे केवल 250 बच्चे बचे हैं, जिनमें से 100-125 पाकिस्तान से हैं। मुठभेड़ों में विदेशी आतंकियों को मारने में दो दिन का समय लगता है, जबकि स्थानीय आतंकियों को मारने में सिर्फ दो घंटे का वक्त लगता है क्योंकि न उनके पास ट्रेनिंग है और न ही हथियार हैं।"
"कश्मीर के लोग गरीब, लेकिन नेता और अफसर अमीर"
कश्मीर के नेताओं पर हमला बोलते हुए मलिक ने कहा था, " ये नेता दिल्ली में अलग भाषा बोलते हैं और कश्मीर में कुछ और बोलते हैं। ऐसे लोग दिल्ली में हमें डराते हैं और यहां लोगों को भड़काते हैं।" राज्य में भ्रष्टाचार की समस्या पर बोलते हुए उन्होंने कहा था कि कश्मीर के लोग गरीब हैं, वहीं कई ऐसे नेता और अफसर हैं जिनके पास 15-20 कमरे के मकान हैं और करोड़ों रुपये के कालीन बिछे हुए हैं।
अब्दुल्ला ने कहा, किसी नेता या नौकरशाह की हत्या हुई तो मलिक होंगे जिम्मेदार
मलिक का बयान सामने आते ही इस पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए मलिक पर निशाना साधा और कहा, "इस ट्वीट को सेव कर लें। अगर आज के बाद जम्मू-कश्मीर में किसी भी मुख्यधारा के नेता या सेवारत / सेवानिवृत्त नौकरशाह की हत्या होती है, तो मानें कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आदेश पर उसकी हत्या हुई है।" अन्य नेताओं ने भी बयान का विरोध किया है।
उमर अब्दुल्ला का सत्यपाल मलिक को जवाब
मलिक ने माना, राज्यपाल के तौर पर ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था
बयान पर विवाद बढ़ता देख मलिक ने अपने बयान पर यू-टर्न ले लिया है और कहा कि इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। सोमवार को समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि मेरी जिम्मेदारी या जो पद है उस पर ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए थी। राज्यपाल होते हुए मुझे यह नहीं कहना चाहिए अन्यथा मैं यही कहूंगा। भारी भ्रष्टाचार पर निराशा और गुस्से के आवेश में आकर मैंने ये सब कुछ कहा।"