जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन खत्म, आज से लागू हुआ राष्ट्रपति शासन
जम्मू-कश्मीर में आज से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। पिछले छह महीनों से राज्य में राज्यपाल शासन लागू था, जिसकी अवधि 19 दिसंबर को खत्म हो गई। राज्यपाल सत्यपाल मलिक की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस संबंध में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। बीते जून में भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद सरकार गिर गई थी।
राज्य की विधायी शक्तियां संसद के पास
राष्ट्रपति शासन लागू होते ही राज्य सरकार की सभी विधायी शक्तियां संसद के पास आ गईं हैं। कानून बनाने का अधिकार भी संसद के पास रहेगा। साथ ही राज्यपाल भी अब बिना राष्ट्रपति की अनुमति कोई फैसला नहीं ले सकेंगे।
पिछले महीने भंग हुई थी विधानसभा
जून में सरकार गिरने के बाद से ही राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता का दौर बना हुआ था। इसी दौरान महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने साथ आकर सरकार बनाने के प्रयास शुरू किये। इस सिलसिले में 21 नवंबर को महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल के सामने सरकार गठन का दावा पेश करने के लिए फैक्स भेजा, लेकिन राजभवन की फैक्स मशीन खराब होने के कारण फैक्स राज्यपाल तक नहीं पहुंचा। उसी दिन शाम को राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी।
जम्मू-कश्मीर में 22 साल बाद लागू हुआ राष्ट्रपति शासन
साल 1989 में तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुला ने राज्यपाल की नियुक्ति के बाद इस्तीफा दे दिया था। दरअसल, तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने जगमोहन को राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया। इसके बाद अब्दुला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद 1989 से लेकर 1996 तक जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन रहा। बाद में अक्टूबर 1996 में एक बार फिर अब्दुला के नेतृत्व में सरकार बनी और राष्ट्रपति शासन हटाया गया।