जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग, लोकसभा के साथ हो सकते हैं विधानसभा चुनाव
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा सरकार बनाने के दावे के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार शाम को विधानसभा भंग कर दी।
बुधवार को इन तीनों पार्टियों के गठबंधन और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने सरकार बनाने के दावे पेश किए थे, लेकिन ये कोशिशें सिरे नहीं चढ़ पाईं।
विधानसभा भंग करने का आदेश देते हुए राज्यपाल ने कहा, "मैं क़ानून के तहत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा को भंग करता हूूं।"
घटनाक्रम
बुधवार को चला सियासी घटनाक्रम
बुधवार को महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी के 29, कांग्रेस के 12 और नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15 विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
वहीं सज्जाद लोन ने बीजेपी के सहयोग से सरकार बनाने की पेशकश की थी।
महबूबा मुफ्ती के ट्वीट के मुताबिक उन्होंने सरकार बनाने के दावे संबंधी पत्र को 2 घंटे तक फैक्स करने की कोशिश की, लेकिन फैक्स नहीं हो पाया।
इसी बीच राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने की घोषणा कर दी।
कारण
विधानसभा भंग करने के कारण
राजभवन की ओर से कहा गया कि राज्यपाल ने अहम कारणों को ध्यान में रखकर विधानसभा भंग करने का निर्णय लिया है।
राजभवन ने बताया कि, ''व्यापक खरीद फरोख्त'' की आशंका और ''विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं वाली पार्टियों के साथ आने से स्थिर सरकार बनना असंभव'' जैसे कारणों के आधार पर विधानसभा भंग की गई है।
राजभवन ने बाद में एक बयान में कहा, ''राज्यपाल ने यह निर्णय अनेक सूत्रों के हवाले से प्राप्त सामग्री के आधार पर लिया।''
चुनाव
लोकसभा चुनाव के साथ हो सकते हैं राज्य में चुनाव
विधानसभा भंग होने के बाद अब राज्य में 6 माह के भीतर चुनाव कराए जाएंगे।
बता दें, बीजेपी द्वारा समर्थन वापसी के बाद महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई थी। उसके बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है।
राज्यपाल ने बताया कि ये जरूरी नहीं कि राज्य के चुनाव अभी हों, ये चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ भी कराए जा सकते हैं।
इसलिए माना जा रहा है कि राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ हो सकते हैं।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने कहा- जल्द हो चुनाव
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, बीजेपी राज्य में सज्जाद लोन को समर्थन देकर सरकार बनाना चाहती थी, लेकिन यह कोशिश असफल हो गई।
सज्जाद लोन ने दावा किया कि उन्हें बीजेपी के 26 विधायकों का समर्थन है।
विधानसभा भंग होने के बाद बीजेपी ने कहा कि बेहतर विकल्प यह है कि वहां जल्द विधानसभा चुनाव हो।
पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ आने की निंदा करते हुए बीजेपी ने इसे आतंक-अनुकूल पार्टियों का गठबंधन बताया।
कानूनी कार्रवाई
बीजेपी के बयान पर कानूनी कार्रवाई करेगी नेशनल कॉन्फ्रेंस
बीजेपी के 'आतंक-अनुकूल' पार्टियों के गठबंधन वाले बयान को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुला ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि वे इस बयान को लेकर बीजेपी पर कानूनी कार्रवाई करेंगे।
अब्दुला ने कहा कि अब बहुत हो गया, बीजेपी के पास अब कुछ कहने को नहीं है तो वह अनाप-शनाप आरोप लगा रही है।
उन्होंने कहा कि गैर-बीजेपी पार्टियां साथ आ रही हैं तो उन्हें 'देश-विरोधी' और 'आतंक-अनुकूल' बताया जा रहा है, जो अब नहीं चलेगा।