प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हालिया समय में कब-कब चूक हुई?
कर्नाटक के मैसूर में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक देखने को मिली। एक भाजपा कार्यकर्ता ने चुनावी प्रचार के दौरान उत्साह में प्रधानमंत्री के वाहन पर अचानक एक मोबाइल फोन फेंक दिया। हालिया समय में देश में सर्वोच्च सुरक्षा कवच वाले प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में सेंध के कई मामले सामने आ चुके हैं। आइए ऐसे ही कुछ बड़े मामलों पर नजर डालते हैं।
कर्नाटक में प्रधानमंत्री की गाड़ी तक पहुंच गया था व्यक्ति
इस साल 12 जनवरी को कर्नाटक के हुबली में एक रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में एक बड़ी चूक हुई थी और एक व्यक्ति सड़क किनारे बैरिकेड से कूदकर उनकी गाड़ी के काफी करीब पहुंच गया था। हालांकि, विशेष सुरक्षा दल (SPG) के जवानों ने तुरंत मुस्तैदी दिखाते हुए उसे पीछे खींच लिया था। दरअसल, व्यक्ति अपने हाथों में एक माला लेकर जा रहा था और कथित तौर पर प्रधानमंत्री को सम्मानित करना चाहता था।
NSG जवान बनकर व्यक्ति ने की थी प्रधानमंत्री की रैली में घुसने की कोशिश
महाराष्ट्र के मुंबई में 19 जनवरी को प्रधानमंत्री की रैली से कुछ घंटे पहले बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) के VVIP सेक्शन में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। व्यक्ति ने खुद को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) का जवान बताते हुए एक फर्जी प्रमाण-पत्र दिखाया था, जिसके बाद उसे शक के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया। मुंबई पुलिस ने शख्स के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था।
आंध्र प्रदेश में प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर के पास उड़ाए गए थे काले गुब्बारे
पिछले साल आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 4 जुलाई को प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर के पास कुछ काले गुब्बारे उड़ते हुए दिखाई दिए थे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने एयरपोर्ट से करीब 4 किलोमीटर की दूरी से हेलीकॉप्टर के उड़ान भरते ही यह काले गुब्बारे हवा में छोड़े थे। हालांकि, पुलिस ने मामले में किसी भी तरह की सुरक्षा चूक से इनकार किया था, लेकिन कांग्रेस के 4 कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया था।
पंजाब में फ्लाईओवर पर फंसा रहा था प्रधानमंत्री का काफिला
पिछले साल 5 जनवरी को पंजाब के बठिंडा में भी प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आया था। प्रधानमंत्री बठिंडा से हुसैनीवाला जा रहे थे और उन्हें यह सफर हेलीकॉप्टर से तय करना था, लेकिन खराब मौसम के चलते ऐसा नहीं हो सका और उनका काफिला सड़क मार्ग से आगे बढ़ा। हालांकि, रास्ते में कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को बंद कर रखा था, जिसके चलते काफिला काफी समय तक एक फ्लाईओवर पर रुका रहा था।
गुजरात में भी सामने आ चुका है मामला
नवंबर, 2022 में गुजरात के बनासकांठा जिले में प्रधानमंत्री मोदी की रैली से पहले एक व्यक्ति को पंडाल के नट-बोल्ट खोलते हुए देखा गया था। पुलिस ने शख्स की वीडियो वायरल होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था।
कैसे बनाई जाती है प्रधानमंत्री की सुरक्षा की योजना?
प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी विशेष सुरक्षा समूह (SPG) को सौंपी गई है। SPG ने इसके लिए दिशा-निर्देश बनाए हैं, जिसे 'ब्लू बुक' कहा जाता है। प्रधानमंत्री के सभी कार्यक्रमों के लिए इसके अनुसार ही सुरक्षा योजना बनाई जाती है। सुरक्षा योजना में केंद्रीय एजेंसियां और राज्य पुलिस दोनों शामिल होते हैं। SPG प्रधानमंत्री की किसी भी यात्रा से 3 दिन पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो, राज्य के पुलिस प्रमुख और जिला कलेक्टर के साथ अग्रिम सुरक्षा संपर्क (ASL) बैठक करती है।