#NewsBytesExplainer: दलाई लामा से जुड़ा नया विवाद क्या है और वो पहले कब-कब विवादों में रहे?
तिब्बत के आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा द्वारा एक बच्चे को चूमने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो पर खेद जताते हुए लामा ने बच्चे और उसके परिवार से माफी मांगी है। वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं। आइए जानते हैं कि यह मामला क्या है और इससे पहले दलाई लामा का नाम किन-किन विवादों से जुड़ा है।
क्या है मौजूदा विवाद?
वायरल वीडियो 28 फरवरी हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला का है। यहां दलाई लामा ने बौद्ध मठ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बच्चों से मुलाकात की थी। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि जब एक बच्चा उन्हें सम्मान देने के लिए झुकता है तो वह लड़के के होठों को चूम लेते हैं। इसके बाद वह उस बच्चे को अपनी चीभ चूसने के लिए कहते हैं। इस वीडियो को लेकर ही अब नया विवाद हो रहा है।
सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं
यह वीडियो इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे लोगों में से ही किसी एक ने रिकॉर्ड किया था और इस अब तक इसे 10 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है। ट्विटर पर लोगों ने इस वीडियो पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर ने लिखा, 'यह अशोभनीय है और किसी को भी इस दुर्व्यवहार को सही नहीं ठहराना चाहिए।' एक अन्य यूजर ने इसे कृत्य को घृणित और बीमार मानसिकता वाला बताया है।
जीभ निकालकर दिखाना तिब्बत में परंपरा
BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जीभ निकालना तिब्बत में अभिवादन का एक तरीका है। यहां ये परंपरा नौवीं सदी से है। तब यहां एक अलोकप्रिय राजा हुआ करते थे, जिनका नाम लांग दारमा था और उनकी जीभ काली थी। मान्यता थी कि राजा का पुर्नजन्म हुआ, इसलिए आम लोग ये साबित करने लिए अपनी जीभ निकाल कर दिखाते थे कि उनका पुर्नजन्म नहीं हुआ है। बाद में धीरे-धीरे ये जीभ निकालकर दिखना अभिवादन का प्रतीक बन गया।
महिलाओं को लेकर विवादित टिप्पणी कर चुके हैं दलाई लामा
इससे पहले साल 2019 में भी दलाई लामा अपने विवादित बयान के लिए माफी मांग चुके हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि अगर कोई महिला दलाई लामा बनती हैं तो उसका आकर्षक होना जरूरी है। इस बयान को लेकर उनकी दुनियाभर में काफी अलोचना हुई थी। इस विवाद को बढ़ता देख उनके कार्यालय की ओर से एक स्पष्टीकरण भी दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि वह केवल मजाक कर रहे थे।
शरणार्थियों को लेकर भी दे चुके हैं विवादित बयान
2019 में भी दलाई लामा ने शरणार्थियों पर एक विवादित बयान देकर बखेड़ा खड़ा कर दिया था। स्वीडन के माल्मो में आयोजित एक सम्मेलन में शरणार्थियों के मुद्दे पर बोलते हुए लामा ने कहा था कि यूरोप केवल यूरोपीय लोगों का है। उन्होंने कहा था कि यूरोप से सभी शरणार्थियों को अपने मूल देशों में वापस जाना चाहिए। इस बयान को लेकर भी लामा की खूब किरकरी हुई थी।
नेहरू को लेकर भी दे चुके हैं विवादित बयान
साल 2018 में लामा ने एक बयान में कहा था कि महात्मा गांधी अविभाजित भारत में मुहम्मद अली जिन्ना को प्रधानमंत्री पद देना चाहते थे, लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने इनकार कर दिया क्योंकि वह "आत्मकेंद्रित" थे। उन्होंने कहा कि उस वक्त अगर नेहरू गांधी की बात मान जाते तो भारत और पाकिस्तान एक होते और देश का विभाजन नहीं होता। अपने इस विवादित बयान के बाद आध्यात्मिक बौद्ध गुरु ने माफी मांगी थी।
कौन हैं दलाई लामा?
दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे बड़े गुरू हैं। वह तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन का सार्वभौमिक रूप से मान्य चेहरा हैं और वह तिब्बत से निर्वासित हैं। तिब्बत में चीन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद साल 1959 में उन्होंने भारत में शरण ली थी। तभी से वह हिमातल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हैं और यहां एक बड़ा धार्मिक केंद्र बनाया हुआ है। चीन उनके भारत निर्वासन का विरोध करता है।