NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    नरेंद्र मोदी
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExclusive
    #NewsBytesExplainer
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / देश की खबरें / #NewsBytesExplainer: तलाक को लेकर क्या हैं नियम और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का क्या फर्क पड़ेगा? 
    #NewsBytesExplainer: तलाक को लेकर क्या हैं नियम और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का क्या फर्क पड़ेगा? 
    1/9
    देश 1 मिनट में पढ़ें

    #NewsBytesExplainer: तलाक को लेकर क्या हैं नियम और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का क्या फर्क पड़ेगा? 

    लेखन नवीन
    May 01, 2023
    07:36 pm
    #NewsBytesExplainer: तलाक को लेकर क्या हैं नियम और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का क्या फर्क पड़ेगा? 
    सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के लिए 6 महीने की अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि को खत्म कर दिया है

    सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से तलाक पर सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इसमें कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिली अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए आपसी सहमति से तलाक ले रहे पक्षकारों को बिना इंतजार कराए तत्काल तलाक दे सकती है। आइए जानते हैं कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अभी तलाक की क्या प्रक्रिया है और इस आदेश के बाद क्या फर्क पड़ने वाला है।

    2/9

    हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अभी तलाक की क्या है प्रक्रिया? 

    हिंदू विवाह अधिनियम, 1995 की धारा 13B के तहत तलाक लेने की प्रक्रिया निर्धारित है। दोनों पक्ष शादी के एक साल बाद ही जिला कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दे सकते हैं। धारा 13B (2) के तहत तलाक की मांग करने वाले दोनों पक्षों को तलाक के लिए याचिका देने के बाद अनिवार्य रूप से 6 से 18 महीने का इंतजार करना होता है। यह इसलिए दिया जाता है, ताकि पक्षकार अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकें।

    3/9

    किस आधार पर पति-पत्नी ले सकते हैं तलाक? 

    हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13B (1) में आपसी सहमति से तलाक की प्रक्रिया तय की गई है। इसके तहत पति-पत्नी एक साल या इससे अधिक समय से साथ न रहने या विवाह को भंग करने पर आपसी सहमति को आधार बनाकर जिला कोर्ट में तलाक की अर्जी दे सकते हैं। इसके अलावा व्याभिचार, क्रूरता, परित्याग, धर्म परिवर्तन, पागलपन, कुष्ठ रोग, यौन रोग और मृत्यु के खतरे जैसे आधारों पर भी पति-पत्नी द्वारा तलाक की मांग की जा सकती है।

    4/9

    क्या कुछ मामलों में प्रक्रिया जल्दी हो सकती है? 

    हिंदू विवाह अधिनियम के तहत कठिनाई या दुराचार की परिस्थितियों में शादी के एक साल बीतने से पहले भी धारा 14 के तहत तलाक को मंजूरी दी जा सकती है। अधिनियम की धारा 13B (2) के तहत ऐसे मामलों में फैमिली कोर्ट के समक्ष आवेदन दायर कर 6 महीने की अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि को खत्म करने का अनुरोध भी किया जा सकता है। समझौता होने की कोई संभावना नहीं होने पर ही इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

    5/9

    तलाक की मौजूदा प्रक्रिया में क्या समस्याएं हैं?

    फैमिली कोर्ट में तलाक की प्रक्रिया काफी लंबी और समय लेने वाली होती है क्योंकि कोर्ट में पहले से ही तलाक के कई मामले चल रहे होते हैं। पक्षकार अगर जल्दी तलाक चाहते हैं तो वे शादी भंग करने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 142 सुप्रीम कोर्ट को उसके समक्ष किसी भी लंबित मामले में 'पूर्ण न्याय' का विशेषाधिकार प्रदान करता है।

    6/9

    सुप्रीम कोर्ट में तलाक का कौन-सा मामला पहुंचा था?

    साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में शिल्पा शैलेश बनाम वरुण श्रीनिवासन नामक एक मामला दायर किया गया था, जहां पक्षकारों ने अनुच्छेद 142 के तहत तलाक की अपील की थी। इसमें कहा गया था कि उनकी शादी अपरिवर्तनीय रूप से टूट गई है, जो तलाक के लिए कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त आधारों में से एक है। कोर्ट ने एक अन्य मामले में कहा था कि शादी के अपरिवर्तनीय रूप से टूटने को 'क्रूरता' माना जा सकता है।

    7/9

    सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?

    सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जहां दोनों पक्षों में सुलह का मौका है, वहां तलाक की याचिका दायर करने की तारीख से 6 महीने की प्रतीक्षा अवधि लागू की जानी चाहिए, लेकिन जहां दोनों पक्षों में सुलह की कोई संभावना नहीं है, वहां समय गंवाना व्यर्थ है। कोर्ट ने कहा कि अगर पति-पत्नी अपने मतभेदों को दूर करने में असमर्थ हैं तो बेहतर होगा कि विवाह को जल्द भंग कर दिया जाए।

    8/9

    अनुच्छेद 142 की शक्तियों पर कोर्ट ने क्या कहा?

    सुप्रीम कोर्ट ने वर्तमान मामले में अनुच्छेद 142 की शक्तियों का उपयोग करते हुए पक्षकारों के तलाक को अनुमति दी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वह ये निर्धारित करेगी कि अनुच्छेद 142 के तहत सीधे तौर पर शादी को भंग करते समय किन नियमों का पालन किया जाना चाहिए। कोर्ट ने तलाक के इन मामलों में अनुच्छेद 142 की शक्तियों के प्रयोग को लेकर वरिष्ठ वकीलों का एक पैनल भी गठित किया है।

    9/9

    कोर्ट के इस आदेश से क्या पड़ेगा फर्क?

    तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अनुच्छेद 142 के तहत तलाक के लिए कोर्ट में याचिका दायर करने वाले पक्षकारों को फैमिली कोर्ट में रेफर नहीं किया जाएगा, जहां उन्हें तलाक के लिए 6 से 18 महीने तक इंतजार करना होता है। इसके अलावा 'शादी में अपरिवर्तनीय टूट' को भी तलाक का एक वैध कारण माना जाएगा। शादी को कब अपरिवर्तनीय टूट की स्थिति में माना जाएगा, इसके लिए कुछ व्यापक पैमाने तय किए गए हैं।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    सुप्रीम कोर्ट
    हिंदू विवाह अधिनियम
    तलाक
    #NewsBytesExplainer

    सुप्रीम कोर्ट

    देशद्रोह कानून: सरकार ने बदलाव के लिए समय मांगा, मानसून सत्र में आ सकता है प्रस्ताव केंद्र सरकार
    तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, राज्य में सालों से नहीं हुआ कोई जबरन धर्मांतरण तमिलनाडु
    आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर 8 मई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट बिहार
    सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, रजामंदी से तलाक के लिए 6 महीने का इंतजार अनिवार्य नहीं तलाक

    हिंदू विवाह अधिनियम

    कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला, हिंदुओं में 18 साल से कम उम्र में शादी अमान्य नहीं कर्नाटक हाई कोर्ट
    #NewsBytesExplainer: एक भारतीय और पाकिस्तानी नागरिक के बीच शादी को लेकर कानून क्या कहता है?  पाकिस्तान समाचार
    अमान्य विवाह से पैदा बच्चे भी माता-पिता की संपत्ति में हिस्से के हकदार- सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट

    तलाक

    'भाभी जी...' फेम शुभांगी अत्रे अपने पति पीयूष से हुईं अलग, जानिए क्यों लिया यह फैसला भाभीजी घर पर हैं
    स्पेन: कोर्ट ने पति को पूर्व पत्नी को करोड़ों रुपये देने का दिया आदेश, जानिए कारण स्पेन
    नवाजुद्दीन सिद्दीकी को मिला कोर्ट से नोटिस, पत्नी आलिया ने लगाए थे गंभीर आरोप नवाजुद्दीन सिद्दीकी
    चीन: पति रातभर पकड़ता था मछली, आदत से तंग आकर पत्नी ने दिया तलाक चीन समाचार

    #NewsBytesExplainer

    #NewsBytesExplainer: क्या है 'द केरल स्टोरी' फिल्म से जुड़ा विवाद, जिससे गरमाई राज्य की सियासत? केरल
    #NewsBytesExplainer: मेट गाला में इसलिए अतरंगी अंदाज में पहुंचते हैं सितारे, जानिए सबकुछ मेट गाला
    #NewsbytesExplainer: ऋषि कपूर के निधन के बाद ऐसे पूरी हुई थी उनकी आखिरी फिल्म 'शर्माजी नमकीन' ऋषि कपूर
    #NewsBytesExplainer: ऑटोमैटिक गियरबॉक्स क्या है और ये कितने प्रकार के होते हैं?  काम की बात
    अगली खबर

    देश की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    India Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023