बोइंग 737 विमानों में 'बोल्ट का नट गायब', अलर्ट के बाद भारतीय एयरलाइंस ने की जांच
हाल ही में विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने दुनियाभर की एयरलाइंस से उसके B737 मैक्स विमानों के हार्डवेयर में ढीले कलपुर्जों की जांच की सिफारिश की थी। ये विमान 3 भारतीय एयरलाइंस के बेड़े में भी हैं, जिसके बाद इन एयरलाइंस ने भी विमानों की जांच की है। दरअसल, नियमित रखरखाव के दौरान पाया एक विमान में बोल्ट का नट गायब मिला था, जिसके बाद कंपनी ने सभी विमानों की जांच की सिफारिश की थी।
DGCA बोला- स्थिति पर नजर रख रहे
मामले पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने कहा, "हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और अकासा, एयर इंडिया एक्सप्रेस और स्पाइसजेट के संपर्क में हैं। हम अपने अमेरिकी समकक्ष और बोइंग के भी संपर्क में हैं। वर्तमान में की जा रही जांच विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है।" DGCA ने कहा कि B737 विमानों के साथ ये लगातार एक मुद्दा रहा है।
अकासा ने कहा- समस्या से परिचालन पर कोई असर नहीं
मामले पर अकासा एयर के प्रवक्ता ने कहा, "बोइंग ने उन्हें इस मुद्दे के बारे में सूचित किया था। दुनियाभर के सभी ऑपरेटरों की तरह और सुरक्षा के हमारे उच्चतम मानकों के अनुसार, अकासा उन्हीं जांचों और प्रक्रियाओं का पालन करेगी, जो निर्माता सुझाते हैं। हमारे परिचालन बेड़े और विमान आपूर्ति पर अब तक कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।" रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में स्पाइसजेट और एयर इंडिया एक्सप्रेस से कोई जवाब नहीं मिला है।
बोइंग ने जारी की थी चेतावनी
29 दिसंबर को बोइंग ने विमान में गड़बड़ी के संबंध में चेतावनी जारी की थी। कंपनी ने एक बयान में कहा था, "विशेष विमान में मिली गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है। सावधानी बरतते हुए हम ऑपरेटरों को अपने 737 मैक्स विमानों की जांच करने और किसी भी निष्कर्ष के बारे में सूचित करने की सिफारिश कर रहे हैं।" बोइंग ने कहा था कि उसने मामले की जानकारी अमेरिका के फेडरेशन एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) को भी दी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
बोइंग एक अमेरिकी कंपनी है, जो हवाई जहाज, रॉकेट, उपग्रह, दूरसंचार उपकरण और मिसाइल बनाती है। इसकी स्थापना 15 जुलाई, 1916 को विलियम बोइंग ने की थी। कई देश कंपनी के बनाए विमानों का इस्तेमाल करते हैं। फिलहाल बोइंग दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी रक्षा सौदे करने वाली और अमेरिका की सबसे बड़े निर्यातक कंपनी है। दुनियाभर में अलग-अलग जगहों पर कंपनी के डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।