युद्ध के बीच यूक्रेन को दवाइयों के साथ मानवीय सहायता भेजेगा भारत- विदेश मंत्रालय
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले पांच दिनों से जारी युद्ध में अब भारत ने बड़ा कदम उठाया है। भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए और यूक्रेन को दवाइयों सहित मानवीय सहायता देने का निर्णय किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोमवार शाम को इसकी जानकारी दी है। इसी तरह मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे लोगों को सीधे सीमा की ओर न जाने की सलाह दी है।
यूक्रेन को मानवीय मदद देगा भारत- बागची
बागची ने कहा कि यूक्रेन में बिगड़ते हालातों को देखते हुए सरकार ने उसकी मदद का निर्णय किया है। जल्द ही वहां दवाइयों और अन्य आवश्यक मेडिकल उपकरणों के साथ मानवीय सहायता भी भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने वहां फंसे भारतीयों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। यही कारण है कि अब तक रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और हंगरी की राजधारी बुडापोस्ट से छह विशेष विमानों के जरिए 1,400 भारतीयों को लाया जा चुका है।
"मुश्किल हालातों में भी जारी है सरकार के प्रयास"
बागची ने कहा, "निकासी अभियान जारी है, लेकिन यूक्रेन में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। कई जगहों पर तो बहुत मुश्किल स्थिति बनी हुई है। इसके बाद भी हम निकासी अभियान में तेजी लाने में सक्षम हैं।" उन्होंने कहा, "कीव स्थित भारतीय दूतावास की एडवाइजरी के बाद से 8,000 भारतीय सड़क मार्गों के जरिए यूक्रेन छोड़ चुके हैं और उन्हें वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए संबंधित दूतावास के अधिकारी प्रयासरत हैं।"
यूक्रेन की सीमा से लगे देशों में तैनात किए गए है विशेष दूत- बागची
बागची ने कहा, "यूक्रेन की सीमा से लगे चार देशों में विशेष दूत तैनात किए गए हैं। इससे भारतीयों की निकासी तेजी से हो सकेगी। सभी विशेष दूत चार देशों से समन्वय और निकासी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।" उन्होंने कहा, "केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोमानिया, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया, हरदीप सिंह पुरी हंगरी और वीके सिंह पोलैंड जाएंगे। सभी मंत्री यूक्रेन की इन पड़ोसी सरकारों के साथ समन्वय कर भारतीयों को निकालने की प्रक्रिया तेज करेंगे।"
"निकासी अभियान में ली जाएगी वायुसेना की भी मदद"
बागची ने कहा, "यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को निकालने के प्रयास जारी है और निकासी अभियान में यदि जरूरत पड़ी तो हम भारतीय वायुसेना की भी मदद लेंगे। अब हमारे पास मोल्दोवा के माध्यम से एक नया निकासी मार्ग भी है।"
विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से की अपील
बागची ने कहा, "हम संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों से गुजारिश करते हैं कि आप पश्चिमी यूक्रेन की तरफ जाएं। सीमा पर बहुत भीड़ है इसलिए आप सीधे सीमा की तरफ ना जाएं। आप अपने नजदीकी शहर में रुके हमारी टीमें वहां आपकी मदद करेंगी।" उन्होंने आगे कहा, "सभी नागरिकों को अधिकारियों के साथ समन्व्य करने के बाद ही पड़ोसी देश पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और मोल्दोवा की तरफ जाना चाहिए।"
यूक्रेन में फंसे हैं हजारों भारतीय छात्र
अनुमान है कि करीब 16,000 भारतीय छात्र इस वक्त यूक्रेन में फंसे हुए हैं। कुछ छात्र युद्ध शुरू होने से पहले देश लौट आए थे और कुछ को 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन से निकाला जा चुका है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में छात्र यूक्रेन में युद्ध का सामना कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियों ने वहां फंसे छात्रों के वीडियो संदेश शेयर कर सरकार पर निशाना साधा है और उन्हें जल्द देश वापस लाने की मांग की है।
छात्रों ने लगाए यूक्रेनियन अधिकारियों पर बदसलूकी के आरोप
यूक्रेन छोड़कर पोलैंड जा रहे कई भारतीय छात्रों ने स्थानीय अधिकारियों पर बदसलूकी और मारपीट के आरोप लगाए हैं। भारतीय छात्रों का आरोप है कि उन्हें बंधकों जैसी स्थिति में रखा गया और उन्हें खाने और पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।
यूक्रेन में कैसे हैं हालात?
रूसी सेना ने यूक्रेन के दक्षिण पूर्व में स्थित तटीय शहर बेर्डियांस्क पर कब्जा कर लिया है। काला सागर के तटीय इलाकों में रूसी सेना लगातार आगे बढ़ रही है। खारकीव शहर में भी रूसी सेना घुस चुकी थी, लेकिन यूक्रेन का दावा है कि उसने शहर को वापस अपने नियंत्रण में ले लिया है। बिगड़ते हालातों के बीच बेलारूस की सीमा पर प्रीप्यत नदी के पास यूक्रेन और रूसी प्रतिनिधिमंडल के बीच शांति के लिए वार्ता चल रही है।