तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बैठक जारी
क्या है खबर?
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बैठक जारी है। लेफ्टीनेंट जनरल स्तर की ये बातचीत LAC पर चीन की तरफ स्थित मोल्डो में हो रही है।
ये बैठक दोनों देशों के विदेश मंत्रियों में बनी तनाव करने की सहमति के बाद हो रही है और इसका नतीजा काफी हद तक चीन के रुख को स्पष्ट कर सकता है।
बैठक में विदेश मंत्रालय का एक प्रतिनिधि भी शामिल है।
पृष्ठभूमि
10 सितंबर को विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद से लंबित थी सैन्य बैठक
LAC पर भारी तनाव के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी 10 सितंबर को रूस के मॉस्को में मिले थे और उनके बीच तनाव कम करने के लिए आगे भी बातचीत जारी रखने समेत पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर सहमति बनी थी।
इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की बैठक लंबित थी और चीन के तारीख न बताने के कारण इसमें इतनी देरी हुई।
बैठक
पहली बार बैठक में शामिल हो रहा विदेश मंत्रालय का प्रतिनिधि
इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टीनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे हैं, वहीं चीन का नेतृत्व मेजर जनरल लियू लिन कर रहे हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव भी इस बैठक में शामिल है और ये पहली बार है जब सैन्य बैठक में सरकार का कोई प्रतिनिधि शामिल हुआ है।
समाचार एजेंसी PTI के सूत्रों के अनुसार, बैठक में भारत टकराव वाली जगहों से चीनी सैनिकों की जल्द वापसी की मांग करेगा।
जानकारी
अब तक तनाव कम करने में नाकाम रही हैं लेफ्टीनेंट जनरल स्तर की बातचीत
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में तनाव की शुरूआत के बाद दोनों देशों के बीच ये लेफ्टीनेंट जनरल स्तर की छठवें दौर की बातचीत है। इससे पहले हुई पांच दौर की बातचीत जमीन पर तनाव कम करने में नाकाम रही है।
स्थिति
पूर्व लद्दाख में चरम पर है भारत और चीन के बीच तनाव
भारत और चीन के बीच मई की शुरूआत के बाद से ही पूर्वी लद्दाख में LAC पर तनाव बना हुआ है। इस 29-30 अगस्त को ये तनाव तब अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया, जब चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के किनारे पर भारतीय इलाके में घुसपैठ करने की कोशिश की। भारतीय सैनिकों को पहले ही चीन के इन मंसूबों की भनक लग गई और उन्होंने चीनी सैनिकों से पहले ही चोटियों पर कब्जा कर लिया।
अन्य जगहें
अन्य जगहों पर क्या स्थिति है?
अन्य जगहों की बात करें तो चीन ने मई-जून में LAC पर जिन पांच जगहों पर अतिक्रमण और घुसपैठ की थी, उनमें से तीन- देपसांग, गोगरा और पैंगोंग झील के फिंगर्स एरिया- में चीनी सैनिक अभी भी बने हुए हैं।
पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर्स एरिया में चीनी सैनिक अभी भी फिंगर चार की चोटी पर बने हुए हैं, वहीं भारतीय सैनिकों सितंबर की शुरूआत से इसके सामने वाली चोटियों पर आकर बैठे हुए हैं।
नापाक मंसूबे
अक्साई चिन में भी चीन ने जमा किए 50,000 सैनिक
इसके अलावा चीन ने अक्साई चिन में भी अपने तकरीबन 50,000 सैनिक जमा कर रखे हैं और इसके कारण उसके मंसूबों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
भारत को आशंका है कि चीन रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण काराकोरम पास पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है और इसी खतरे को देखते हुए उसने काराकोरम के पास दौलत बेग ओल्डी (DBO) में टी-90 मिसाइल टैंक तैनात किए हैं। LAC पर 35,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की गई है।