मध्य प्रदेश: सरकारी अस्पताल में शव पर लग गईं चींटियां, खा गईं एक आंख
मध्य प्रदेश के एक सरकारी अस्पताल से शर्मसार करने देने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं। तस्वीरों में एक व्यक्ति के शव पर चींटियों को रेंगते हुए देखा जा सकता है। ये चींटियां शव की एक आंख को खा गईं। ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुईं और यूजर्स ने सरकार पर गुस्सा व्यक्त किया। मामले में एक सर्जन सहित अस्पताल के पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और मुख्यमंत्री कमल नाथ ने जांच के आदेश दिए हैं।
बालचंद की मौत के समय नहीं मौजूद था परिवार का कोई सदस्य
घटना राज्य की राजधानी भोपाल से 290 किलोमीटर दूर शिवपुरी के एक सरकारी अस्पताल की है। टीबी के मरीज 50 वर्षीय बालचंद लोधी को शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को बालचंद की मौत हो गई। जिस समय उसकी मौत हुई, उसकी पत्नी बच्चों को देखने घर गई थी और परिवार का कोई सदस्य उसके पास नहीं था। इस कारण बहुत देर तक किसी को ये पता नहीं चला कि बालचंद की मौत हो चुकी है।
डॉक्टर और नर्स ने चेक किया, लेकिन शव को हटाया नहीं
जब पास के मरीजों को कुछ देर बाद पता चला कि बालचंद की मौत हो चुकी है तो उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों को सूचना दी। इसके बाद पहले नर्सों और फिर डॉक्टर ने उसे आकर देखा, लेकिन किसी ने बालचंद के शव को वहां से नहीं उठवाया और न ही उसके परिवार को इसके बारे में सूचित किया। मरीजों से खबर मिलने के बाद जब बालचंद की पत्नी अस्पताल आई तो उसने देखा कि शव पर चींटियां लगी हुई हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तस्वीरें
इसके बाद बालचंद के शव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और सरकार को घेरा जाने लगा। कांग्रेस के कार्यकर्ता भी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए और आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने उसे छुए बिना ही मृत घोषित कर दिया था।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बताया मानवता को शर्मसार करने वाली घटना
राज्य के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने घटना पर ट्वीट करते हुए इस लापरवाही को बेहद असंवेदनशील बताया। उन्होंने लिखा कि ऐसी घटनाएं मानवता व इंसानियत को शर्मसार करती है और इन्हें बर्दाश्त कतई नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि मामले में जांच और दोषियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके बाद मामले में एक सर्जन पीके खरे, एक डॉक्टर और तीन नर्सों को निलंबित कर दिया गया।
सिंधिया ने भी जताया घटना पर दुख
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मामले पर ट्वीट करते हुए दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "मानवता को शर्मसार करने वाली वाली शिवपुरी जिला अस्पताल की घटना बहुत ही दुखद और ह्रदयविदारक है। मैंने स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावटजी से इस विषय पर चर्चा कर निवेदन किया है, दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।" इस बीच मामले में निलंबित सर्जन को तबीयत खराब होने पर ग्वालियर रेफर किया गया है।