रूस ने यूक्रेन संकट पर भारत की 'स्वतंत्र स्थिति' का स्वागत किया
क्या है खबर?
रूस ने यूक्रेन संकट पर भारत की 'स्वतंत्र स्थिति' का स्वागत करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की टिप्पणी दोनों देशों की विशेष साझेदारी को दर्शाती है।
रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि भारत जिम्मेदार वैश्विक ताकत के तौर पर अहम भूमिका निभा रहा है और यह वैश्विक मामलों के प्रति एक 'स्वंतत्र और संतुलित' दृष्टिकोण रखता है।
उन्होंने कहा कि भारत और रूस की दोस्ती मजबूत बुनियाद पर टिकी है।
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रूस की तरफ से क्या कहा गया?
ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में बाबुश्किन ने कहा, "हम UNSC में भारत की तरफ से दो बार ली गई स्वतंत्र स्थिति का स्वागत करते हैं। UNSC में भारत की गतिविधियां हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है।"
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भारत ने UNSC में क्या कहा था?
यूक्रेन संकट पर हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में भारत ने इलाके में बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की थी। भारत ने अपने बयान में कहा था कि तत्कालिक प्राथमिकता तनाव को कम करने की होनी चाहिए।
भारत ने यूक्रेन के दो विद्रोही इलाकों को स्वतंत्र क्षेत्र के तौर पर मान्यता देने और यहां अपनी सेना भेजने के रूस के ऐलान पर कुछ नहीं कहा है।
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सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकते- भारत
संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बैठक में कहा, "रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गंभीर चिंता का विषय है। इन घटनाओं में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है... हमें तनाव कम करने की कोशिश कर रहे पक्षों के हालिया पहलों को समय देने की जरूरत है। इस संदर्भ में चल रहे गहन प्रयासों का हम स्वागत करते हैं। हम सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकते।"
जानकारी
आपातकाल लागू करेगा यूक्रेन
रूस की तरफ से हमले की लगातार बढ़ती आशंका के बीच यूक्रेन ने आपातकाल लगाने का फैसला किया है।
इसके तहत देश में शांति बनाए रखने और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए विशेष पाबंदियां लगाई जाएंगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आपातकाल 30 दिनों के लिए लागू रहेगा और जरूरत पड़ने पर इसकी अवधि आगे बढ़ाई जा सकती है। स्थिति के आधार पर इसके प्रावधान में ढील दी जा सकती है या उन्हें कड़ा किया जा सकता है।
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यूक्रेन ने रूस से अपने नागरिकों को बुलाया
यूक्रेन ने अपने नागरिकों से रूस न जाने और वहां रह नागरिकों को तुरंत वापस आने को कहा है। यूक्रेन की तरफ से कहा गया है कि आक्रमण होने की स्थिति में कॉन्सुलर सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
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यू्क्रेन को लेकर क्यों है तनाव?
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं।
दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है।
रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।