अब घर के बिजली कनेक्शन से कर सकेंगे EV चार्ज, सरकार ने जारी किए नियम

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के प्रोत्साहन के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के नियमों में बदलाव करने जा रही है। नए संशोधन के तहत EV मालिक अब अपने घरों या कार्यालयों में मौजूदा बिजली कनेक्शन का उपयोग करके अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज कर सकते हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस नियम से EV चार्जिंग की परेशानियों में राहत मिलेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाएंगे।
सरकार एक और योजना पर काम कर रही है, जिसमें यह ज्यादा लोगों की पहुंच में चार्जिंग स्टेशनों तक करना चाहती है। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में 9,47,876 रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक वाहन हैं, लेकिन ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) के अनुसार इसकी तुलना में देश में अब तक केवल 1,028 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (PCS) ही लगाए गए हैं। इसलिए सरकारी जमीन पर PCS लगाने के लिए यह निजी कंपनियों को आमंत्रित कर रही है।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के जारी किए गए दिशानिर्देश के मुताबिक सरकार दो चरणों में बड़े पैमाने पर PCS शुरू करने वाली है। पहले चरण में 2011 की जनगणना के अनुसार 40 लाख से अधिक की आबादी वाले मेगासिटी, एक्सप्रेसवे और इन मेगा शहरों से जुड़े महत्वपूर्ण राजमार्ग शामिल होंगे। वहीं, दूसरे चरण में राज्यों की राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालय और इन शहरों से जुड़े महत्वपूर्ण राजमार्ग और बड़े शहरों को कवर किया जाएगा।
नए नियमों में PCS स्थापित करने के लिए कोई भी व्यक्ति या संस्था सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए स्वतंत्र है और इसके लिए किसी तरह की लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, इसके लिए उन्हे मंत्रालय, BEE और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) द्वारा निर्धारित तकनीकी, सुरक्षा के साथ-साथ जरूरी मानकों और विनिर्देशों को पूरा करना होगा। इनमें सिविल, इलेक्ट्रिकल और सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के नियम शामिल हैं।
घरेलू बिजली से की गई चार्जिंग के लिए लागू टैरिफ भी घरेलू दर से लिया जाएगा। वहीं, PCS के लिए सरकारी जमीन न्यूनतम 1 रुपया प्रति kWh की दर पर दी जाएगी। इसका भुगतान निजी संस्थान को प्रत्येक तिमाही में करना होगा। राजस्व-साझाकरण समझौते के तहत 10 साल के लिए जमीन दी जाएगी। केंद्र ने PCS द्वारा लगाए जाने वाले सेवा शुल्क की सीमा तय करने का अधिकार राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है।