
तुर्की से हुए समझौतों की समीक्षा कर सकती है सरकार, मेट्रो से लेकर सुरंग परियोजनाएं शामिल
क्या है खबर?
भारत के साथ युद्ध में पाकिस्तान की मदद करना तुर्की को भारी पड़ सकता है।
खबर है कि भारत सरकार तुर्की के साथ हुए सभी समझौतों और परियोजनाओं की जांच करने जा रही है। इनमें वे पुराने समझौते भी शामिल हैं, जो खत्म हो चुके हैं। ये परियोजनाएं दिल्ली से लेकर कश्मीर तक फैली हुई हैं।
अगर ऐसा होता है तो देश में चल रहे तुर्की के बहिष्कार अभियान के बीच ये बड़ा कदम होगा।
रिपोर्ट
सरकार कर रही जांच- रिपोर्ट
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार भारत में तुर्की के व्यापारिक समझौतों और परियोजनाओं का पुनर्मूल्यांकन और जांच करने के लिए काम कर रही है और कुछ मामलों में उन्हें खत्म भी कर रही है।
एक अधिकारी ने कहा, "तुर्की फर्मों से जुड़ी सभी परियोजनाएं जांच के दायरे में हैं। सरकार समाप्त हो चुके संबंधों सहित सभी संबंधों का पुनर्मूल्यांकन कर रही है। सभी समझौतों की जांच की जा रही है।"
बयान
अधिकारी ने कहा- समझौतों पर पड़ सकता है प्रतिकूल प्रभाव
न्यूज 18 से एक अधिकारी ने कहा, "सभी समझौतों की जांच की जा रही है। हालांकि, कुछ MoU या व्यापार सौदे या परियोजना टाई अप दीर्घकालिक आधार पर किए गए थे। वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति के बाद वे प्रभावित नहीं हो सकते हैं। हालांकि, उभरती परिस्थितियों और कश्मीर मुद्दे पर तुर्की के निरंतर हस्तक्षेप से निवेश की वृद्धि या भविष्य के किसी भी व्यापार सौदे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।"
साझेदारी
तुर्की के साथ किन-किन परियोजनाओं में साझेदारी?
2020 में तुर्की की एक कंपनी को जम्मू-कश्मीर में अटल सुरंग के लिए इलेक्ट्रोमैकेनिकल पार्ट बनाने का काम सौंपा गया था।
2024 में रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने मेट्रो रेल परियोजना के लिए तुर्की की एक कंपनी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
तुर्की की कंपनियां लखनऊ, पुणे और मुंबई में मेट्रो रेल परियोजनाओं का काम देख रही हैं।
तुर्की की एक विमानन कंपनी भारतीय हवाई अड्डों पर परिचालन करती है।
विरोध
देशभर में तेज हुई तुर्की के बहिष्कार की मुहिम
देशभर के व्यापारियों ने तुर्की का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। दिल्ली, हिमाचल समेत कई राज्यों के सेब व्यापारियों ने तुर्की के सेब खरीदना बंद कर दिया है। वहीं, मार्बल कारोबारियों ने भी ऐसा ही कदम उठाया है।
पर्यटन पर निर्भर तुर्की के लिए कई ट्रैवल एजेंसियों ने भी ट्रैवल पैकेज रद्द कर दिए हैं। ईजमायट्रिप ने यात्रियों को पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देशों की यात्रा न करने की सलाह दी है।
मदद
तुर्की ने कैसे की पाकिस्तान की मदद?
'ऑपरेशन सिंदूर' से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था। इस दौरान पाकिस्तान ने तुर्की में बने ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
सेना ने कहा था, "ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि वे तुर्की के असीसगार्ड सोंगर ड्रोन हैं।"
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि तुर्की ने अपने सैनिक भी पाकिस्तान भेजे थे।
व्यापार
भारत-तुर्की में कितना व्यापार होता है?
भारत और तुर्की बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों के बीच 13.8 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में व्यापार 10.43 अरब डॉलर रहा। इसमें निर्यात 6.65 अरब डॉलर और आयात 3.78 अरब डॉलर का था।
तुर्की ने भारत में बड़ा निवेश भी किया है। अप्रैल, 2000 से दिसंबर, 2023 तक तुर्की ने भारत में 227.5 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) किया।