सरकार AI मॉडल बनाने में भारतीय-मूल के विशेषज्ञों की लेगी सहायता, कर रही यह तैयारी
क्या है खबर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में भारत दुनिया के दूसरे देशों से बराबरी करने के लिए विदेशों में काम करने वाले भारतीय-मूल के AI शोधकर्ताओं और डेवलपर्स को वापस बुलाने की तैयारी कर रही है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) जेनेरिक AI मॉडल और एप्लिकेशन के विकास में योगदान के लिए उन्हें आकर्षित करने के लिए काम कर रहा है।
भारत में AI यात्रा में मजबूत आधार स्थापित करने में कुछ प्रमुख AI विशेषज्ञों ने रुचि व्यक्त की है।
चर्चा
सरकार इन शीर्ष विशेषज्ञों से कर रही बातचीत
सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि सरकार ने OpenAI, मिस्ट्रल AI और गूगल डीपमाइंड जैसी शीर्ष वैश्विक कंपनियों में काम करने वाले प्रमुख AI विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के साथ चर्चा शुरू की है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, "हम निकी परमार सहित प्रमुख AI शोधकर्ताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं, जिन्होंने मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग में बड़ा योगदान दिया है।"
उन्होंने कहा, "अगर हमें चीन के डीपसीक का विकल्प बनाना है तो उनकी विशेषज्ञता की आवश्यकता है।"
मंशा
इसके पीछे क्या है सरकार की मंशा?
अधिकारी ने कहा कि सरकार चाहती है कि ये AI विशेषज्ञ भारतीय स्टार्टअप और युवा शोधकर्ताओं को सलाह दें।
ये इनोवेटर्स भारत की जरूरतों के अनुरूप AI मॉडल विकसित करने के लिए इंडिया AI मिशन की GPU कंप्यूटिंग सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
सरकार शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों को आगे आने और कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उन्हें कंपनी को बड़े पैमाने पर बनाने के लिए सलाह और अन्य सहायता प्रदान करेगी।