कौन हैं अभिनेत्री ममता शंकर, जिन्हें पद्मश्री से किया जाएगा सम्मानित?
क्या है खबर?
पद्मश्री सम्मान भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक है, जो देश के लिए बहुमूल्य योगदान देने के लिए दिया जाता है।
इस बार इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से भारतीय सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री और नृत्यांगना ममता शंकर को भी सम्मानित किया जाएगा।
ऐसे में हर शख्स ममता के करियर के बारे में जानना चाहता है। आइए बताते हैं ममता सिनेमा और नृत्य जगत का इतना बड़ा नाम कैसे बनीं।
परिचय
उदय शंकर और अमला शंकर की बेटी हैं ममता
ममता एक भारतीय अभिनेत्री, नृत्यांगना और कोरियोग्राफर हैं। उनका जन्म 7 जनवरी, 1955 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था।
वह नर्तक उदय शंकर और अमला शंकर की बेटी और दिवंगत संगीतकार पंडित रविशंकर की भतीजी हैं। उनके भाई आनंद शंकर एक इंडो-वेस्टर्न फ्यूजन संगीतकार थे, जिनका 1999 में निधन हो गया था।
बता दें ममता ने अपनी मां अमला के मार्गदर्शन में कोलकाता के उदय शंकर इंडिया कल्चर सेंटर में नृत्य और कोरियोग्राफी का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
फिल्मी करियर
इन दिग्गज निर्देशकों के साथ काम कर चुकी हैं ममता
ममता मुख्य रूप से बंगाली सिनेमा में अपने काम के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने सत्यजीत रे, मृणाल सेन, रितुपर्णो घोष और गौतम घोष जैसे प्रसिद्ध निर्देशकों की फिल्मों में काम किया है।
ममता ने फिल्म 'मृगया' (1976) के जरिए अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म ने उस वर्ष सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।
इसके अलावा 'बापिका बिदाई' (1980), 'कलंकिनी' (1981), 'नीलकंथो' (1985) और 'निशांते' (1985) ममता की बहुचर्चित फिल्मों में शामिल हैं।
नृत्य
सामाजिक मुद्दों पर आधारित होती हैं ममता की प्रस्तुतियां
ममता ने अपने माता-पिता से प्रेरणा लेते हुए नृत्य को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाया और नृत्य संस्था 'ममता शंकर डांस कंपनी' का स्थापना की, जहां वह आधुनिक और पारंपरिक नृत्य सिखाती हैं।
वह देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी नृत्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेती हैं।
ममता ने अपने नृत्य और कला के माध्यम से दुनिया को सामाजिक संदेश देने का कार्य भी किया है। उनकी प्रस्तुतियां अक्सर समाज की ज्वलंत समस्याओं पर आधारित होती हैं।
पुरस्कार
ममता को पद्मश्री से पहले मिल चुके हैं ये पुरस्कार
ममता को अब तक उनके अभिनय और नृत्य में दिए गए उल्लेखनीय योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया है।
उन्हें 1993 में बंगाली फिल्मों में बेहतरीन अभिनय के लिए बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन पुरस्कार (BFJA पुरस्कार) से सम्मानित किया गया था।
ममता को फिल्म 'अगंतुक' के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। इसका निर्देशन सत्यजीत ने किया था।
2000 में एक बार फिर ममता को फिल्म 'उत्सव' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का BFJA पुरस्कार मिला था।