कौन हैं पवन गोयनका, जिन्हें मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार?
क्या है खबर?
महिंद्रा एंड महिंद्रा के पूर्व प्रबंध निदेशक डॉ. पवन गोयनका को भारत सरकार ने 'व्यापार और उद्योग' श्रेणी में पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की है।
वह भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (INSPACe) के अध्यक्ष हैं। उन्हें भारत में निजी अंतरिक्ष उद्योग और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है।
गोयनका का जन्म 1954 में मध्य प्रदेश में हुआ था और वे लंबे समय से ऑटोमोबाइल और अंतरिक्ष क्षेत्रों से जुड़े रहे हैं।
पढ़ाई
कहां से हुई उनकी पढाई?
अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद गोयनका ने IIT-कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में BTech किया। इसके बाद वे अमेरिका गए और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से PhD की उपाधि प्राप्त की।
उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया। करियर की शुरुआत 1979 में हुई, जब उन्होंने अमेरिका के डेट्रायट में जनरल मोटर्स में काम किया।
1993 में वे भारत लौटे और महिंद्रा एंड महिंद्रा में जनरल मैनेजर (R&D) के रूप में शामिल हुए।
करियर
महिंद्रा एंड महिंद्रा में 27 साल का सफर
महिंद्रा एंड महिंद्रा में काम करते हुए गोयनका ने कंपनी को तकनीकी रूप से मजबूत बनाया और 2016 में उन्हें कंपनी का MD नियुक्त किया गया।
उनके नेतृत्व में महिंद्रा ने नई ऑटोमोबाइल तकनीकों पर काम किया और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा दिया। उन्होंने 27 साल महिंद्रा के साथ बिताए और फिर 2021 में कंपनी से सेवानिवृत्त हुए।
2019 में, जब भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी का सामना कर रहा था, तब उनके सुझाव से आगे बढ़ने में मदद मिली।
योगदान
अंतरिक्ष क्षेत्र में नई भूमिका
महिंद्रा एंड महिंद्रा से रिटायरमेंट के बाद गोयनका ने भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग में एक नई जिम्मेदारी संभाली।
वे INSPACe के अध्यक्ष बने, जो एक स्वायत्त सरकारी एजेंसी है और निजी कंपनियों को भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने की अनुमति देती है।
उनके नेतृत्व में भारत में निजी स्पेस सेक्टर को बढ़ावा मिला। उनकी इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2025 में पद्मश्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया है।