फॉक्सवैगन ने भारत सरकार पर किया मुकदमा, टैक्स को लेकर है विवाद
क्या है खबर?
फॉक्सवैगन ने भारत सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। यह मुकदमा 1.4 अरब डॉलर (लगभग 120 अरब रुपये) की कर मांग को खारिज करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर किया गया है।
कंपनी का कहना है कि यह कर मांग अव्यवहारिक रूप से अधिक है और भारत के आयात कर नियमों के विपरीत है।
फॉक्सवैगन ने तर्क दिया कि यह मामला उसके भारत में 1.5 अरब डॉलर (लगभग 130 अरब रुपये) के निवेश को प्रभावित करेगा।
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क्या है पूरा मामला?
भारत सरकार ने सितंबर, 2024 में फॉक्सवैगन को लगभग 120 अरब रुपये का कर नोटिस जारी किया था। सरकार का आरोप है कि कंपनी ने कम कर चुकाने के लिए कारों को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर आयात किया।
आमतौर पर पूरी तरह से असेंबल न की गई कारों (CKD यूनिट) पर 30-35 प्रतिशत कर लगता है, लेकिन फॉक्सवैगन ने इसे व्यक्तिगत पुर्जों के रूप में दिखाकर सिर्फ 5-15 प्रतिशत शुल्क चुकाया।
सुनवाई
कब शुरू होगी सुनवाई?
फॉक्सवैगन ने कहा है कि उसने कर भुगतान की प्रक्रिया के बारे में भारत सरकार को पहले ही बताया था। अदालत में इस मामले की सुनवाई 5 फरवरी से शुरू होगी।
कंपनी का कहना है कि यह कर विवाद भारत में व्यापार करने में आसानी की नीति के विपरीत है और निवेशकों के विश्वास को कमजोर कर सकता है।
अगर फॉक्सवैगन यह मामला हार जाती है, तो उसे लगभग 242 अरब रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
स्थिति
वैश्विक स्तर पर फॉक्सवैगन की स्थिति
फॉक्सवैगन पहले से ही वैश्विक चुनौतियों से जूझ रही है। चीन में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और यूरोप में मांग घटने के कारण कंपनी ने दिसंबर में 35,000 नौकरियां कम करने की घोषणा की थी।
भारत में इस कानूनी लड़ाई से फॉक्सवैगन की स्थिति और कमजोर हो सकती है।
इस विवाद से भारत में विदेशी ऑटोमोबाइल कंपनियों के निवेश पर भी असर पड़ सकता है, जिससे भविष्य में अन्य कंपनियां यहां निवेश करने से हिचक सकती हैं।