#NewsBytesExplainer: तुर्की में राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा होंगे चुनाव, जानें क्या है प्रक्रिया
तुर्की में हुए राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आज आ गए। इसमें किसी भी नेता को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिले हैं, जिसके बाद अब राष्ट्रपति पद के लिए रन-ऑफ यानी दोबारा मतदान होगा। इसमें जीतने वाला उम्मीदवार तुर्की का अगला राष्ट्रपति बनेगा। देश में 14 मई को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान हुआ था। यहां मुख्य मुकाबला रेचेप तैय्यप अर्दोआन और कमाल कलचदारलू के बीच है। आइए तुर्की में राष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया समझते हैं।
सबसे पहले तुर्की की शासन प्रणाली समझिए
तुर्की में पहले शासन के लिए प्रधानमंत्री प्रणाली थी। साल 2018 में अर्दोआन ने प्रधानमंत्री पद को समाप्त करते हुए शासन के लिए राष्ट्रपति प्रणाली को अपनाया। राष्ट्रपति सरकार चलाने के लिए मंत्रियों की कैबिनेट चुनते हैं। राष्ट्रपति के अलावा यहां 600 सदस्यों की संसद भी है। हर 5 साल में लोग राष्ट्रपति और संसद सदस्य चुनने के लिए मतदान करते हैं। तुर्की में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार है।
कैसे चुने जाते हैं सांसद?
तुर्की में 6 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जो संसद सदस्य (सांसद) चुनने के लिए मतदान करते हैं। मतदाता सीधे सांसद की बजाय पार्टियों के लिए मतदान करते हैं और फिर आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर विभिन्न पार्टियों के सांसदों की संख्या तय होती है। किसी भी पार्टी के लिए संसद में प्रवेश के लिए कम से कम 7 प्रतिशत वोट प्राप्त करना जरूरी होता है। संसद में बहुमत प्राप्त करने के लिए 301 सदस्यों की जरूरत होती है।
कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव?
मतदान वाले दिन प्रत्येक नागरिक दो वोट डालता है। एक राष्ट्रपति और दूसरा सांसद चुनने के लिए। जिस भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिलते हैं, वो राष्ट्रपति चुनाव जीत जाता है। अगर किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत वोट नहीं मिलते हैं तो शीर्ष के दो उम्मीदवारों के बीच रन-ऑफ यानी दूसरा राउंड होता है। इसमें जिस उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलते हैं, वो राष्ट्रपति बन जाता है।
राष्ट्रपति पद के लिए किनके बीच है मुख्य मुकाबला?
तुर्की में इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में मुख्य मुकाबला 20 साल से सत्ता पर काबिज अर्दोआन और कलचदारलू के बीच है। अर्दोआन की पार्टी का नाम जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (AKP) है। 74 वर्षीय कलचदारलू रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व में बने 5 पार्टियों के गठबंधन की ओर से उम्मीदवार हैं। तीसरे उम्मीदवार 55 वर्षीय सिनान ओगान हैं। ओगान भी पार्टियों के एक गठंबधन के संयुक्त उम्मीदवार हैं। वे पहले अर्दोआन की सहयोगी पार्टी में रहे हैं।
चुनाव में किसे कितने वोट मिले हैं?
राष्ट्रपति चुनाव में अर्दोआन को 49.42 फीसदी, कलचदारलू को 44.95 फीसदी और ओगान को 5.20 फीसदी वोट मिले हैं। संसदीय चुनावों में अर्दोआन की AKP को 35 फीसदी वोट मिले हैं। साल 2002 के बाद से ये पार्टी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। हालांकि, गठबंधन में शामिल अन्य सहयोगी पार्टियों के वोट प्रतिशत को मिलाकर देखा जाए तो अर्दोआन को संसद में बहुमत मिल जाएगा, लेकिन पिछले चुनाव के मुकाबले सीटें कम होंगी।
चुनाव में मुख्य मुद्दे क्या थे?
तुर्की में इस साल आए विनाशकारी भूकंप से बड़े पैमाने पर जनजीवन प्रभावित हुआ था। चुनाव में ये बड़ा मुद्दा रहा। अर्दोआन भूकंप प्रभावित इलाकों में 6 लाख मकान बनाने का वादा कर चुके हैं तो कलचदारलू ने भूकंप पीड़ितों को मुफ्त घर देने का ऐलान किया है। महंगाई भी तुर्की में बड़ा मुद्दा है। देश में महंगाई दर 40 फीसदी को पार कर गई है। अर्दोआन 2024 तक महंगाई दर को 10 फीसदी तक लाने का वादा किया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
तुर्की में अभी 6.4 करोड़ लोग मतदान करने के योग्य हैं। इनमें से 49 लाख ने पहली बार मतदान किया। मतदाताओं में 50.6 फीसदी महिलाएं हैं। कुल 81 प्रांतों के 87 जिलों में 14 मई को मतदान हुआ था। इस बार चुनाव में 26 राजनीतिक पार्टियां मैदान में रहीं। इनमें से 11 पार्टियां स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ीं तो 15 पार्टियों ने मिलकर 5 गठबंधन बनाए और संयुक्त उम्मीदवार उतारे।