
तुर्की: रेचेप तैय्यप अर्दोआन का सफर कैसा रहा है, जो लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव गए?
क्या है खबर?
तुर्की के मौजूदा राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। उन्हें 52.16 प्रतिशत से अधिक मत मिल चुके हैं।
2014 से सत्ता पर काबिज 69 वर्षीय अर्दोआन लगातार तीसरी बार तुर्की के राष्ट्रपति चुने गए हैं।
मामूली पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले अर्दोआन ने पिछले कुछ वर्षों में तुर्की की सबसे बड़ी राजनीतिक शख्सियत के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
आइए उनके जीवन के बारे में जानते हैं।
परिचय
काफी मुश्किलों में बीता अर्दोआन का शुरुआती जीवन
अर्दोआन का जन्म 1954 में हुआ था और उनके पिता तुर्की के तटरक्षक बल में तैनात थे।
उनके पिता उन्हें और उनके भाइयों को लेकर इस्तांबुल चले गए थे, जहां पर अर्दोआन का प्रारंभिक जीवन काफी कठिनाइयों में बीता। वह कुछ रुपये कमाने के लिए नींबू पानी और खाने के अन्य सामान बेचते थे।
उन्होंने एक इस्लामिक स्कूल में शुरुआती शिक्षा ग्रहण की और बाद में इस्तांबुल के मरमरा विश्वविद्यालय से प्रबंधन की डिग्री हासिल की।
राजनीति
इस्तांबुल के मेयर रह चुके हैं अर्दोआन
अर्दोआन 1970 और 80 के दशक में इस्लामिक गलियारों में काफी सक्रिय थे और इस दौरान वह नेमेटिन एरबाकन की वेलफेयर पार्टी में शामिल हो गए।
उन्होंने वर्ष 1994 में इस्तांबुल के मेयर पद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वह इसके बाद अगले चार साल यानी 1998 तक इस्तांबुल के मेयर रहे।
हालांकि, नस्लीय घृणा भड़काने के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
प्रधानमंत्री
अर्दोआन 2003 से 2014 तक रहे तुर्की के प्रधानमंत्री
अर्दोआन ने अगस्त, 2001 में अपने सहयोगी अब्दुल्ला गुल के साथ जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (AKP) नामक एक इस्लामवादी पार्टी की स्थापना की।
उनकी पार्टी AKP ने वर्ष 2002 में संसदीय चुनावों में बहुमत हासिल किया, जिसके एक साल बाद अर्दोआन को तुर्की का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था।
अर्दोआन 2003 से 2007, 2007 से 2011 और 2011 से 2014 के बीच 3 कार्यकाल के लिए लगातार प्रधानमंत्री पद के पद पर काबिज रहे।
राष्ट्रपति
2014 में पहली बार तुर्की के राष्ट्रपति बने थे अर्दोआन
लगातार 3 कार्यकाल तक प्रधानमंत्री रहने के बाद अर्दोआन 2014 में एक बार फिर प्रधानमंत्री नहीं बन सकते थे, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फैसला लिया।
अर्दोआन वर्ष 2014 में देश के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति चुने गए। उनकी सरकार ने तुर्की में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए।
इसके बाद अर्दोआन को 2016 में असफल तख्तापलट का सामना भी करना पड़ा, लेकिन इससे निपटने के बाद उन्होंने 2018 में दोबारा जीत हासिल की।
आरोप
विवादों में भी रह चुके हैं अर्दोआन
अर्दोआन की सरकार की सत्तावादी शैली के लिए आलोचना होती रही है। अर्दोआन को मानवाधिकारों के हनन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दमन के आरोपों का भी सामना करना पड़ा है।
अर्दोआन पर हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप से ठीक से नहीं निपटने को लेकर भी आरोप लगे थे। विपक्ष नेताओं ने भी तुर्की सरकार पर राहत कार्यों में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था।
हालांकि, इन सभी से निपटते हुए उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की है।